होम देश Hyderabad surrogacy racket big twist how infant were sold to couple who came for IVF नहीं मिला जीन तो भड़के, DNA टेस्ट ने खोली स्पर्म तस्करी की पोल; सेरोगेसी के नाम पर था खेल, India News in Hindi

Hyderabad surrogacy racket big twist how infant were sold to couple who came for IVF नहीं मिला जीन तो भड़के, DNA टेस्ट ने खोली स्पर्म तस्करी की पोल; सेरोगेसी के नाम पर था खेल, India News in Hindi

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हैदराबाद में स्पर्म तस्करी मामले में बड़ा ट्विस्ट आया है। अब पता चला है कि असल में यह फर्टिलिटी सेंटर सेरोगेसी कराता ही नहीं था। यह गरीबों से नवजात शिशुओं को खरीदता था और उन्हें आईवीएफ ट्रीटमेंट कराने आए लोगों को महंगे दाम पर बेच देता था।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, हैदराबादMon, 28 July 2025 10:42 AM

हैदराबाद में स्पर्म तस्करी मामले में बड़ा ट्विस्ट आया है। अब पता चला है कि असल में यह फर्टिलिटी सेंटर सेरोगेसी कराता ही नहीं था। यह गरीबों से नवजात शिशुओं को खरीदता था और उन्हें आईवीएफ ट्रीटमेंट कराने आए लोगों को महंगे दाम पर बेच देता था। पुलिस ने बताया कि फर्टिलिटी सेंटर में आईवीएफ के लिए आए कपल को सेरोगेसी के लिए मनाया जाता था। उनसे कहा जाता था कि पैदा होने वाला बच्चा बायोलॉजिकली आपका ही रहेगा। इसके बाद कपल से 35 लाख रुपए वसूले जाते थे। गौरतलब है कि सिकंदराबाद में फर्टिलिटी सेंटर केस में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें मुख्य आरोपी यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की डॉक्टर अथालुरी नम्रता है।

35 लाख रुपए लिए थे
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक कपल ने गोपालपुरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके मुताबिक सृष्टि टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर ने उन्हें सरोगेसी के बाद जो बच्चा दिया है, उसका डीएनए पिता से मैच नहीं हो रहा। कपल ने यह भी आरोप लगाया कि इसके लिए उनसे 35 लाख रुपए लिए गए थे। डीसीपी ने बताया कि मुख्य आरोपी डॉक्टर नम्रता और उसके सहयोगियों से पूछताछ के बाद पता चला कि असल में सेरोगेसी हुई ही नहीं। इन लोगों ने एक गरीब महिला को पैसे का लालच देकर उसके नवजात बच्चे को खरीद लिया था। इसी बच्चे को सरोगेसी से पैदा हुआ बताकर इस कपल को दे दिया गया।

असली मां-बाप गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि बच्चे के असली मां-बाप को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह लोग असम के निवासी हैं और हैदराबाद में रहते हैं। इन लोगों को 90 हजार रुपए दिए गए थे और बच्चे की डिलीवरी कराने के लिए महिला को विशाखापत्तनम ले जाया गया था। नवजात शिशु दो दिन का था, जब उसे सेरोगेसी कराने आए कपल को बेचा गया। डीसीपी ने यह भी बताया कि तस्करी के अलावा आरोपी कॉमर्शियल सेरोगेसी करवा रहे थे, जो भारत में गैरकानूनी है। यहां पर केवल परोपकारी सेरोगेसी की इजाजत है।

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पहले भी गिरफ्तार हो चुकी है डॉक्टर
पुलिस ने बताया कि आरोपी डॉक्टर नम्रता के खिलाफ 10 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। यह मामले विशाखापत्तनम, हैदराबाद और गुंटूर में दर्ज किए गए हैं। यह भी पता चला है कि इससे पहले साल 2016 और 2020 में इस डॉक्टर पर सवाल उठ चुका है। पहली बार उसका लाइसेंस तेलंगाना मेडिकल काउंसिल ने पांच साल के लिए रद्द कर दिया था। तब अमेरिका के एक एनआरआई कपल ने आरोप लगाया था कि सेरोगेसी के बाद उन्हें जो बच्चा दिया गया वह बायोलॉजिकली उनका नहीं था। 2020 में विजाग पुलिस ने डॉक्टर नम्रता और अन्य को नवजात शिशुओं की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था।

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