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Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा केस में अब तक पुलिस को नहीं मिला सबसे बड़ा ‘सबूत’, 10 दिन बाद भी खाली हाथ, अब शेरू सिंह उगलेगा राज

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Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा की हत्या के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के सबसे अहम सबूत नहीं मिला है. अब पुलिस जेल में बंद शेरू सिंह को रिमांड पर लेने की तैयारी में है.

चंदन मिश्रा केस में अब तक हथियार बरामद नहीं.

हाइलाइट्स

  • पुलिस को अब तक हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार नहीं मिला है.
  • शेरू सिंह को रिमांड पर लेने की तैयारी में पुलिस.
  • सीआईडी की निगरानी में तफ्तीश जारी है.

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल हत्याकांड में 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को अब तक सबसे अहम सबूत नहीं मिला है. यानी हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार हाथ नहीं लगे हैं. गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में पुलिस अब तक आरोपियों तक तो पहुंच चुकी है, लेकिन मुख्य हथियार की बरामदगी न होना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. इस बीच मामले में बड़ा मोड़ आने की संभावना है, क्योंकि पुलिस अब पुरुलिया जेल में बंद कुख्यात अपराधी शेरू सिंह को रिमांड पर लेने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि इसी ने शूटरों को सुपारी देने के साथ-साथ हथियारों की भी व्यवस्था की थी.

पीएमसीएच में भर्ती दोनों शूटरों से पूछताछ

हत्या के बाद पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए दोनों शूटरों का इलाज फिलहाल पीएमसीएच में चल रहा है. पुलिस की एक विशेष टीम ने अस्पताल जाकर उनसे पूछताछ की है, लेकिन हथियार की सही जानकारी नहीं मिल पाई है. माना जा रहा है कि शूटरों के साथ एक तीसरा व्यक्ति भी मौजूद था जो हत्या के बाद हथियार लेकर मौके से फरार हो गया. पुलिस उस तीसरे शख्स की तलाश में छापेमारी कर रही है.

सीआईडी की निगरानी में तफ्तीश

इस केस की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी पटना पुलिस के साथ-साथ सीआईडी को भी सौंपी गई है. सीआईडी की गाइडलाइन में पुलिस डायरी तैयार की जा रही है, ताकि कानूनी स्तर पर कोई चूक न हो. इसके अलावा, बिहार पुलिस मुख्यालय भी डायरी और जांच प्रक्रिया पर नजर रखे हुए है. पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड में कुल छह से सात लोग शामिल थे, जिनमें से दो घायल शूटर पहले ही पुलिस की पकड़ में हैं. अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि दो अन्य शूटर और एक हथियार लेकर फरार युवक की पहचान हो चुकी है, जिन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

बढ़ता दबाव और सियासी गर्मी

इस हाई-प्रोफाइल केस में अब राजनीतिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है. चंदन मिश्रा के परिजनों और समर्थकों का आरोप है कि पुलिस मामले को धीमी गति से सुलझा रही है. वहीं विपक्षी दलों ने इसे कानून-व्यवस्था का फेलियर करार दिया है. अब सभी की निगाहें शेरू सिंह के रिमांड पर टिकी हैं. पुलिस को उम्मीद है कि उसकी पूछताछ से हत्या की गुत्थी सुलझेगी और वह इस बात का खुलासा करेगा कि हथियार कहां छुपाए गए हैं. पटना जैसे शहर में दिनदहाड़े हुए इस मर्डर केस में अब तक हथियार का न मिलना न केवल पुलिस के लिए सिरदर्द बना है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर रहा है कि क्या बिहार में अपराधी पुलिस से दो कदम आगे हैं?

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Mahesh Amrawanshi

माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर किया. वर्तमान में न्‍यूज़18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. राजनीति, क्राइम से जुड़ी खबरें लिखने में रूचि.

माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर किया. वर्तमान में न्‍यूज़18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. राजनीति, क्राइम से जुड़ी खबरें लिखने में रूचि.

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चंदन मिश्रा केस में पुलिस को 10 दिन बाद भी नहीं मिला सबसे बड़ा ‘सबूत’

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