दिव्यांशी की मां अश्विनी शिवकुमार ने गहने गायब होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। एफआईआर में कहा गया कि 4 जून की शाम को बोवरिंग अस्पताल लेकर जाते समय उसके शव पर सोने की बालियां और चेन मौजूद थीं।
बेंगलुरु भगदड़ में जान गंवाने वाली किशोरी की मां ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई त्रासदी के समय उनकी बेटी से गहने पहने थे, जिनकी कीमत एक लाख रुपये थी। मगर, जब उसका शव परिवार को सौंपा गया तो गहने गायब थे। 13 साल की दिव्यांशी कक्षा 9 की छात्रा थी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के IPL खिताब जीतने के उत्सव के दौरान भगदड़ में वह अपनी जान गंवा बैठी। 11 पीड़ितों में वह सबसे कम उम्र की थी।
दिव्यांशी की 35 वर्षीय मां अश्विनी शिवकुमार ने गहने गायब होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। एफआईआर में कहा गया कि 4 जून की शाम को बोवरिंग अस्पताल लेकर जाते समय उसके शव पर सोने की बालियां और चेन मौजूद थीं। परिवार को शुरू में गहनों के गायब होने का पता नहीं चला। कुछ समय बाद उन्हें इसकी जानकारी हुई। आरोप है कि एक लाख रुपये की कीमत के गहने उस मुर्दाघर से चोरी हुए, जहां शव रखा गया था। येलहंका की निवासी मृतका की मां ने अपनी शिकायत में कहा, ‘इन गहनों से बहुत भावनात्मक लगाव है, क्योंकि ये मेरी बेटी ने अपने अंतिम क्षणों में पहने थे।’ उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है।
भगदड़ में 11 लोगों की मौत
4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत का उत्सव आयोजित हुआ। इस दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए। पुलिस ने शुरू में विजय परेड की इजाजत देने से इनकार किया था, लेकिन बाद में टीम को एक छोटा आयोजन करने की अनुमति दी गई। हालांकि, भारी भीड़ जमा होने के कारण भगदड़ मच गई। राज्य सरकार ने घटना के एक दिन बाद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी विकास कुमार विकास और बेंगलुरु पुलिस के चार अन्य अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कर्नाटक सरकार ने त्रासदी के लिए आरसीबी और समारोह की देखरेख करने वाली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को जिम्मेदार ठहराया।