होम देश CJI Gavai advice to new lawyers if you want a Mercedes or BMW in 6 months then Supreme Court ‘अगर 6 महीने में मर्सिडीज या BMW चाहिए तो…’: CJI गवई की नए वकीलों को सलाह, India News in Hindi

CJI Gavai advice to new lawyers if you want a Mercedes or BMW in 6 months then Supreme Court ‘अगर 6 महीने में मर्सिडीज या BMW चाहिए तो…’: CJI गवई की नए वकीलों को सलाह, India News in Hindi

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CJI Gavai: सर्वोच्च न्यायाधीश बी. आर. गवई ने नए वकीलों को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें खुद से अपनी प्रैक्टिस शुरू करने से पहले अनुभव लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई बिना अनुभव के काम करके 6 महीनों में महंगी गाड़ियां लेना चाहता है तो फिर उसके इरादे देखने की जरूरत है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSat, 26 July 2025 04:39 PM

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने शनिवार को नए वकीलों को संबोधित करते हुए कुछ खास सलाह दी। उन्होंने कहा कि नए वकीलों को अपने रुतबे और प्रतिष्ठा को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। इतना ही नहीं अपनी प्रैक्टिस शुरू करने से पहले नए वकीलों को अप्रेंटिसशिप करना चाहिए ताकि अदालत में प्रैक्टिस करते समय होने वाले दवाब का अंदाजा लगा सकें।

महाराष्ट्र स्थित अपने पैतृक गांव दारापुर में आयोजित समारोह में पहुंचे गवई ने लोगों की बात को न्याय के दरवाजे पर पहुंचाने की जरूरत को लेकर बात की। उन्होंने कहा, “अगर कोई वकील शुरुआत से ही… बिना किसी अनुभव के अदालतों में बहस करना चाहता है.. और छह महीने के अंदर मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी गाड़ियां खरीदना चाहता है.. तो फिर हमें अच्छी तरह से उसके इरादे समझने होंगे।”

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मैंने जूनियर वकीलों को अपने सीनियर्स को सीट देते नहीं देखा। इसी तरह का एक ऐसा मामला भी सामने आया था, जहां पर एक जूनियर वकील को जब जज ने बर्खास्त कर दिया तो वह अदालत में ही बेहोश हो गया।” उन्होंने आगे कहा कि न्यायाधीश और वकील दोनों समान भागीदार हैं। कुर्सी लोगों की सेवा के लिए होती है और इससे जुड़ी शक्ति को सिर पर हावी नहीं होने देना चाहिए।

आपको बता दें सीजेआई यहां पर अपने पिता और केरल, बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। इसके अतिरिक्त सीजेआई ने न्यायिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए घोषणा की कि वह रिटायरमेंट के तुरंत बाद कोई भी सरकारी पद ग्रहण नहीं करेंगे।

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