योजना के लाभार्थियों को ₹35 लाख तक की संपत्ति के लिए ₹25 लाख तक के होम लोन पर सुविधा मिलती है। इसके तहत लाभार्थी 12 वर्ष तक की अवधि के लिए पहले ₹8 लाख पर 4.0% की दर से सब्सिडी के लिए पात्र हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई-यू) के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है। योजना में शहरी क्षेत्र के गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के घर का सपना पूरा होता है। लाभार्थियों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दिया जाता है। पीएमएवाई-यू 2.0 को चार कार्यक्षेत्रों, अर्थात् लाभार्थी-नेतृत्व निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराये के आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
पीएमएवाई-यू 2.0 के बारे में
दरअसल, योजना के तहत देश भर के शहरी क्षेत्रों में अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों द्वारा किफायती लागत पर घर बनाने, खरीदने और किराए पर देने के लिए पीएमएवाई-यू 2.0 की शुरुआत की गई। योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, आईएसएस वर्टिकल के अंतर्गत, ₹9 लाख तक की आय वाले पात्र लाभार्थियों को अधिकतम ₹1.80 लाख की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है।
₹35 लाख तक की संपत्ति के लिए ₹25 लाख तक के होम लोन पर भी सुविधा मिलती है। इसके तहत लाभार्थी 12 वर्ष तक की अवधि के लिए पहले ₹8 लाख पर 4.0% की दर से सब्सिडी के लिए पात्र हैं। सब्सिडी लाभार्थी के ऋण खातों में 5 वार्षिक किश्तों में जारी की जाती है, बशर्ते सब्सिडी जारी होने के समय लोन सक्रिय हो और 50% से अधिक मूलधन बकाया हो। संभावित लाभार्थी पर उपलब्ध एकीकृत वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं ।
पीएमएवाई-यू 2.0 संबंधी पात्रता मापदंड
योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र होंगे । इसमें ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस, ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी, और ₹6 लाख से ₹9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया है।