होम छत्तीसगढ़ land which said to be mosque land, turned out to be municipal corporation, claim rejected of CG Waqf Board जिसे बताया मस्जिद की जमीन, वह नगर निगम की निकली; छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का दावा खारिज, Chhattisgarh Hindi News

land which said to be mosque land, turned out to be municipal corporation, claim rejected of CG Waqf Board जिसे बताया मस्जिद की जमीन, वह नगर निगम की निकली; छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का दावा खारिज, Chhattisgarh Hindi News

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सरकारी रिकॉर्ड में जमीन रायपुर नगर निगम कमेटी और पुलिस विभाग के नाम पर दर्ज है। दस्तावेजों की जांच के बाद निगम को जमीन का मालिक बताया गया। जिसके बाद अब यहां बनी दुकानों, मकानों और अन्य निर्माणों से नगर निगम राजस्व वसूल सकेगा और नया निर्माण भी कर सकेगा।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, रायपुर, छत्तीसगढ़Sat, 26 July 2025 07:01 PM

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अरबों रुपए की बेशकीमती जमीन को छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने वाले दावे को रायपुर संभागायुक्त ने खारिज कर दिया है। सालों से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड दावा कर रहा था कि नयापारा इलाके के खसरा नंबर 689 जिसका रकबा साढ़े चार एकड़ से ज्यादा है, यह जमीन नयापारा मस्जिद की है। इस जमीन को फजले करीम का बाड़ा कहा जाता रहा है। जांच के बाद जिला प्रशासन ने इस जमीन को रायपुर नगर निगम की बताया है।

बता दें कि इस मामले में अपर कलेक्टर ने पहले ही जांच के बाद वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया था। केस हारने के बाद वक्फ बोर्ड ने संभागायुक्त के यहां अपील की थी। इस केस में दूसरा पक्ष रायपुर नगर निगम था। दस्तावेजों की जांच के बाद संभागायुक्त ने नगर निगम रायपुर के पक्ष में फैसला सुना दिया। रायपुर संभागायुक्त द्वारा दावा खारिज करने से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड को बड़ा झटका लगा है।

1920-21 और 1923-24 के दस्तावेज

वक्फ बोर्ड ने अपने दावे में मस्जिद के आसपास की जमीन, फजले करीम का बाड़ा समेत नवीन मार्केट नामक कॉम्प्लेक्स, डबरी स्कूल, मैदान, कन्या शाला, ऊर्दू स्कूल, प्राथमिक शाला, सामुदायिक शौचालय और उससे जुड़े मकान-दुकान, जमीन पर मकान और भवन, बिजली आफिस को अपनी संपत्ति बताया था। निगम की ओर इस मामले में साल 1920-21 और 1923-24 के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे।

निगम और पुलिस के नाम जमीन दर्ज

सरकारी रिकॉर्ड में जमीन रायपुर नगर निगम कमेटी और पुलिस विभाग के नाम पर दर्ज है। दस्तावेजों की जांच के बाद निगम को जमीन का मालिक बताया गया। जिसके बाद अब यहां बनी दुकानों, मकानों और अन्य निर्माणों से नगर निगम राजस्व वसूल सकेगा और नया निर्माण भी कर सकेगा। फैसले के बाद अब तक छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की हो रही जांच

बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों की जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। बीते अप्रैल महीने में ही केंद्र सरकार की एक उच्च स्तरीय 10 सदस्यीय टीम दिल्ली से सीधे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंची थी और वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण शुरू किया किया था। यह टीम वक्फ अधिनियम में हाल ही में किए गए संशोधनों के अनुरूप संपत्तियों की स्थिति, उपयोग और उनके रख-रखाव का आकलन कर रही है। रायपुर में करोड़ों रुपए की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड ने दावा भी ठोका है।

रिपोर्ट- संदीप दीवान

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