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ट्रंप ने ऐसा क्या कह दिया, जो भड़क गया हमास… सीजफायर पर क्यों नहीं बन रही बात?

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इज्जत अल-रिश्क और डोनाल्ड ट्रंप

गाजा में सीजफायर और बंधक रिहाई को लेकर वार्ता चल रही है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वार्ता लगभग विफल हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा की कि हमास को बंधक समझौते में कोई रुचि नहीं है, साथ ही ट्रंप ने हमास के खिलाफ इजराइल के सैन्य अभियान को समर्थन देने का भी संकेत दिया.

ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “हमास वास्तव में कोई समझौता नहीं करना चाहता है. मुझे लगता है कि वे मरना चाहते हैं.” यह बात अमेरिका और इजराइल की ओर से दोहा से अपनी-अपनी वार्ता टीमों को वापस बुलाने की घोषणा के एक दिन बाद कही गई है, जहां हमास के साथ लगभग तीन हफ्ते से वार्ता चल रही थी.

हमास ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इससे पहले अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ की ओर से गाजा पर चल रही वार्ता के संबंध में दिए गए हालिया बयानों पर आश्चर्य व्यक्त किया है. हमास ने कहा कि ये टिप्पणियां वार्ता की वास्तविकता और प्रमुख मध्यस्थों के आकलन से बिल्कुल अलग है.

हमास के जवाब से खुश नहीं इजराइल और अमेरिका

गाजा में 60 दिनों के युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते की नई डील पर गुरुवार को हमास की ओर से प्रतिक्रिया दी गई थी, जिपर वाशिंगटन और यरूशलम ने कड़ी आपत्ति जताई है. मिस्र और कतर ने प्रतिक्रिया पर आपत्ति तो नहीं जताई, लेकिन संकेत दिए कि हमास की प्रतिक्रिया में प्रस्ताव में बहुत ज्यादा बदलाव के अनुरोध शामिल हैं. हालांकि, कतर-मिस्र का मानना है कि ये दूरियां पाटने योग्य हैं.

हमास पिछले प्रस्ताव पर ही युद्धविराम चाहता है और 60 दिनों के बाद लड़ाई फिर से शुरू न हो इस बात की गारंटी मांग रहा है. साथ हमास की मांग है कि इजराइली सेना गाजा से वापस चली जाए. जिस पर इजराइल तैयार नहीं हो रहा है.

ट्रंप की प्रतिक्रिया पर हमास ने क्या कहा?

एक प्रेस बयान में, हमास के वरिष्ठ अधिकारी इज्जत अल-रिश्क ने अमेरिकी बयानों की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि “मध्यस्थता करने वाले पक्ष, विशेष रूप से कतर और मिस्र, हमारी गंभीर और रचनात्मक स्थिति के प्रति अपनी संतुष्टि और प्रशंसा व्यक्त करते हैं.” अल-रिश्क ने इस बात पर जोर दिया कि गाजा वार्ता की शुरुआत से ही हमास ने ‘राष्ट्रीय जिम्मेदारी और उच्च लचीलेपन’ के साथ काम किया है ताकि एक व्यापक समझौते पर पहुंचा जा सके जो आक्रामकता को रोकेगा और गाजा पट्टी के निवासियों की पीड़ा को कम करेगा.

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