गाजा में भूख से मर रहे लोग
गाजा और इजराइल के बीच छिड़ा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. गाजा में इजराइली बमबारी ही इकलौता संकट नहीं है जिससे फिलिस्तीनी मारे जा रहे हैं. बल्कि भूख अब एक ऐसा संकट बन चुकी है जिससे पूरी फिलिस्तीनी कौम खत्म हो सकती है. क्योंकि गाजा में राहत सामग्री जाने का रास्ता इजराइल ने रोक रखा है. इसी के चलते गाजा में राशन पहुंच नहीं रहा है. भुखमरी से जान गंवाने वालों की गिनती बढ़ती जा रही है. दुनिया की बड़ी समाचार एजेंसियों ने इस पर अलर्ट जारी किया है. यूनाइटेड नेशंस ने भी इसे मानव निर्मित आपदा कहा है.
गाजा से सामने आई तस्वीरों में भूख का भयानक संकट नजर आ रहा है, जहां बच्चों के शरीर पर हड्डियां तक नजर आ रही हैं. बच्चे खाली हो चुके बर्तन की तली में बचे चावल बटोर रहे हैं. खाना इतना कम है कि उनकी छोटी-छोटी मुट्ठियां भी नहीं भर पा रही हैं, पेट भरना तो दूर की बात है. गाजा में 116 लोग भुखमरी का शिकार हो चुके हैं. हजारों लोग हफ्ते में एक दिन ही खाना खा पा रहे हैं. बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं.
पत्रकारों पर भी संकट
दुनिया की बड़ी समाचार एजेंसियों और संस्थानों ने इस संकट पर साझा बयान जारी किया है. AFP, AP, BBC न्यूज और Reuters ने एक साझा बयान जारी किया है. इसमें लिखा है कि हम गाजा में अपने पत्रकारों के लिए गंभीर रूप से चिंतित हैं. जिनको खाना नहीं मिल रहा है. ये स्वतंत्र पत्रकार गाजा की जमीन पर दुनिया के आंख-कान हैं. जिन हालात की ये कवरेज कर रहे हैं उसी का यह पत्रकार भी शिकार बन रहे हैं.
सीजफायर के लिए तैयार नहीं इजराइल
इजराइल की सरकार सीजफायर पर तैयार नहीं है. कतर वार्ता में पेश किए गए हमास के प्रस्ताव ठुकरा दिए गए हैं. इजराइल की राजधानी में लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग है कि सरकार तुरंत सीजफायर लागू करे, लेकिन, सीजफायर नहीं किया जा रहा है.
इजराइली सेटलर्स ने तेल अवीव में अमेरिकी दूतावास के करीब बर्तन बजाकर प्रदर्शन किया. इनकी मांग है कि अमेरिकी सरकार नेतन्याहू पर सीजफायर के लिए दबाव बनाए. लेकिन, अमेरिका भी सीजफायर के पक्ष में नहीं है.
US प्रतिनिधिमंडल ने इजराइल-हमास की वार्ता से किनारा कर लिया है. अमेरिका ने कहा है कि हमास सीजफायर के लिए गंभीर नहीं है. अब बंधकों की वापसी के दूसरे तरीके खोजे जाएंगे. इजराइली सरकार पर आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव है, लेकिन इजराइल सीजफायर के लिए तैयार नहीं है. इजराइल की इस जंग से अंतरराष्ट्रीय समीकरण गड़बड़ा रहे हैं. यूरोप के देश पहले ही इजराइल से नाराज हैं और अब इसके असर नजर आने लगे हैं.
फ्रांस ने किया राष्ट्र की मान्यता देने का ऐलान
इन सब के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि फ्रांस सितंबर के महीने में फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे देगा. ये फैसला इजराइल और अमेरिका की नीति के खिलाफ है. इजरायल ने मैक्रों के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. नेतन्याहू ने कहा है कि फ्रांस 7 अक्टूबर के हमास हमलों और आतंकवाद का समर्थन कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि मैक्रों का फैसला हमास के प्रोपेगेंडा को बढ़ाता है और शांति के लिए झटका है.
गाजा की जंग से अमेरिकी खेमे के देश भी इजराइल के खिलाफ खड़े होने लगे हैं. अमेरिका और इजराइल के गाजा समीकरण गड़बड़ा रहे हैं और इस बीच गाजा के लोग बारूद और भूख से मारे जा रहे हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष