शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे हैं। पीएम मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। इससे पहले उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों मालदीव के दौरे पर हैं जहां उन्होंने शुक्रवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की है। इस दौरान भारत ने मालदीव के लिए 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा की है। वहीं भारत और मालदीव ने जल्द ही एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर भी सहमति जताई है। इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा है कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद साथी होने पर गर्व है।
वहीं मोदी और मुइज्जू के बीच इस मुलाकात को इसलिए महत्वपूर्व माना जा रहा है क्योंकि चीन के करीबी रहे मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘‘इंडिया आउट’’ कैंपेन के बल पर मालदीव की सत्ता में आए थे। भारत और मालदीव के रिश्ते में चीन हमेशा से एक अहम फैक्टर रहा है। इसे लेकर पूछे गए एक सवाल में जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि भारत मालदीव के साथ ऐसे किसी भी मुद्दे पर मिलकर काम करना जारी रखेगा जो क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
विदेश सचिव ने क्या बताया?
विदेश सचिव मिस्री से शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और मुइज्जू के बीच हुई मुलाकात में चीन का भी जिक्र हुआ। इस पर विक्रम मिस्री ने कहा, “राष्ट्रपति ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों को दिए जाने वाले महत्व और दोनों पक्षों द्वारा साथ मिलकर काम करते रहने पर प्रतिबद्धता जताई है।”
विक्रम मिस्री ने कहा है कि दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों के बीच अलग-अलग स्तरों पर बातचीत जारी है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। हम मालदीव के साथ ऐसे किसी भी मुद्दे पर काम करना जारी रखेंगे जो क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों को प्रभावित कर सकता है।”
क्षेत्र में स्थिरता साझा लक्ष्य- पीएम
इससे पहले मुइज्जू से मुलाकात के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। पीएम मोदी और मुइज्जू ने संयुक्त रूप से भारत की सहायता से शुरू होने वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने मालदीव की सेना को आधुनिक वाहन और उपकरण भी सौंपे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘भारत मालदीव को उसकी रक्षा क्षमताओं के विकास में सहयोग देना जारी रखेगा। हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है।’’