निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान संयुक्त सचिव, राज्यसभा सचिवालय गरिमा जैन और राज्यसभा सचिवालय निदेशक विजय कुमार को भी सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे चुके जगदीप धनखड़ को लेकर अटकलें खत्म नहीं हो रही हैं। भले उन्होंने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य बताई हो, लेकिन राजनीतिक चर्चाएं हैं कि सरकार के साथ टकराव के बीच यह कदम उठाया गया है। खबरें हैं कि धनखड़ के पास फैसला लेने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था, क्योंकि उन्हें संकेत मिल रहे थे कि सरकार उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, किसी ने भी इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा।
क्या है वजह
सरकार या धनखड़ में से किसी ने भी खुलकर वजह पर बात नहीं, लेकिन इस्तीफे की टाइमिंग और अचानक उठाए कदम ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। कहा जा रहा है कि विपक्ष की तरफ से लाए गए जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना सरकार को पसंद नहीं आया।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में मामले के जानकार बताते हैं, ‘रिजिजू ने धनखड़ से कहा था कि लोकसभा में महाभियोग पर आम सहमति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही कहा था कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि प्रधानमंत्री इस घटनाक्रम से खुश नहीं हैं।’ अखबार को सूत्रों ने बताया कि धनखड़ ने संकेत दिए कि उन्होंने सदन के नियमों के तहत सब किया है।
सीधा इस्तीफा क्यों?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि राज्यसभा सचिवालय के एक पदाधिकारी के जरिए सोमवार को धनखड़ को संदेश पहुंचाया गया था कि ‘तुरंत पद छोड़ दें या अगले दिन अविश्वास प्रस्ताव का सामना करें।’ इसे चुनौती देने के बजाए धनखड़ राष्ट्रपति भवन पहुंचे और इस्तीफा सौंप दिया।
चर्चाएं हैं कि भारतीय जनता पार्टी अहम विधेयकों के बीच राज्यसभा से अपना नियंत्रण नहीं खोना चाहती थी। राज्यसभा का सभापति होने के नाते उपराष्ट्रपति के पास कई शक्तियां होती हैं, लेकिन माना जाता है कि विपक्ष को साथ लेते हुए उन्हें सत्ताधारी दल के साध कर भी चलना होता है।
विपक्ष से संपर्क साध रहे थे धनखड़?
कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच राह निकालना धनखड़ के लिए मुश्किल हो रहा था, क्योंकि उन्हें पक्षपाती और ध्रुवीकरण करने वाला माना जाने लगा था। इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। नौबत यहां तक आ गई थी कि विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर ली थी।
चर्चाएं हैं कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिशों के बाद से ही धनखड़ कई नेताओं से संपर्क साध रहे थे। अरविंद केजरीवाल, मल्लिकार्जुन खरगे जैसे विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आईं। कहा यह भी जा रहा है कि सदन में आखिरी दिन धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष को पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने का मौका दे दिया। जबकि, इन मुद्दों पर आगे चर्चा होनी थी। अटकलें हैं कि कि यह कदम भी सरकार को अच्छा नहीं लगा। सरकार ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान संयुक्त सचिव, राज्यसभा सचिवालय गरिमा जैन और राज्यसभा सचिवालय निदेशक विजय कुमार को भी सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है।