कीर्तवर्धन सिंह ने लिखित जवाब में कहा, ‘भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-उकसाने वाली थी। पाकिस्तान ने कुछ सैन्य सुविधाओं के अलावा, भारत के नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने का प्रयास किया।’
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा की विपक्षी दलों की मांग मान ली गई है। इस पर 28 जुलाई को चर्चा की जाएगी। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज पर चर्चा के लिए सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। इस मीटिंग में इसे लेकर सहमति बन गई कि लोकसभा में 28 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होगी। इसस पहले, सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के बर्बर आतंकी हमले का जवाब देने के लिए शुरू किया गया था। उसका मकसद आतंकवादी अवसंरचना को ध्वस्त करना और भारत भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों का सफाया करना था।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा अंतरराष्ट्रीय दबाव में की गई थी? इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों की ओर से किए गए बर्बर सीमा पार आतंकी हमले का जवाब देने के लिए शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य आतंकवादी अवसंरचना को ध्वस्त करना और भारत भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को निष्प्रभावी करना था।’
भारत की कार्रवाई नपी-तुली रही
कीर्तवर्धन सिंह ने कहा, ‘भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-उकसाने वाली थी। पाकिस्तान ने कुछ सैन्य सुविधाओं के अलावा, भारत के नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने का प्रयास किया। पाकिस्तान की इन उकसावे वाली और विवाद को बढ़ाने वाली कार्रवाइयों का भारतीय सशस्त्र बलों ने कड़ा और निर्णायक जवाब दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ।’ सिंह ने कहा कि उसके बाद 10 मई 2025 को पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष से गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां बंद करने का अनुरोध किया, जिस पर उसी दिन सहमति बन गयी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को तड़के सटीक हमलों में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया था। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)