Story of Sundar Pichai: पिचाई का बिलेनियर क्लब में पहुंचना एक दुर्लभ उपलब्धि मानी जा रही है। दरअसल, टेक उद्योग में ज्यादातर अरबपति कंपनी के संस्थापक होते हैं, जैसे मेटा के मार्क जुकरबर्ग या एनवीडिया के जेन्सेन हुआंग, लेकिन पिचाई ने एक पेशेवर CEO के तौर पर यह मुकाम हासिल किया है।
Story of Sundar Pichai: गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई अब आधिकारिक तौर पर अरबपति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति अब 1.1 अरब डॉलर (करीब 9,200 करोड़ रुपये) हो गई है। यह कमाल तब हुआ, जब अल्फाबेट के शेयरों ने रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली। पिचाई के अरबपति बनने की सबसे बड़ी वजह अल्फाबेट की शानदार परफॉर्मेंस है। साल 2023 से अब तक कंपनी ने अपनी मार्केट वैल्यू में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा किया है। निवेशकों को भी 120% तक का भारी रिटर्न मिला है।
यह उपलब्धि है खास
पिचाई का बिलेनियर क्लब में पहुंचना एक दुर्लभ उपलब्धि मानी जा रही है। दरअसल, टेक उद्योग में ज्यादातर अरबपति कंपनी के फाउंडर या को-फाउंडर होते हैं, जैसे मेटा के मार्क जुकरबर्ग या एनवीडिया के जेन्सेन हुआंग, लेकिन पिचाई ने एक प्रोफेशनल CEO के तौर पर यह मुकाम हासिल किया है। वह अल्फाबेट के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले CEO भी हैं। अगस्त में उन्होंने 10 साल पूरे किए।
मस्क ने दी बधाई
पिछले महीने पिचाई ने ट्विटर (एक्स) पर अपनी 10वीं सालगिरह का जश्न मनाया। उन्होंने लिखा कि अगस्त 2015 में अल्फाबेट के गठन के बाद से यूट्यूब और क्लाउड जैसे नए बिजनेस में जबरदस्त ग्रोथ हुआ है। उन्होंने बताया कि 2015 में पूरी अल्फाबेट की आय सिर्फ 75 अरब डॉलर थी, जबकि अब सिर्फ यूट्यूब और क्लाउड की मिलाकर सालाना आय 110 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है। इस पोस्ट पर स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने इसे “प्रभावशाली” बताकर बधाई दी।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
सुंदर पिचाई का सफर किसी सपने से कम नहीं है। उनका जन्म तमिलनाडु के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। बचपन दो कमरे के घर में गुजरा। 1993 में उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिली।2004 में गूगल में नौकरी शुरू की। अगले दशक में धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ते रहे। एंड्रॉयड डिवीजन का नेतृत्व किया और क्रोम ब्राउजर के विकास में अहम भूमिका निभाई। 2015 में गूगल (और बाद में अल्फाबेट) के CEO बने।
संपत्ति का हिसाब
दिलचस्प बात यह है कि पिचाई की अधिकांश दौलत नकदी के रूप में है। अल्फाबेट में उनकी सीधी हिस्सेदारी सिर्फ 0.02% है, जिसकी कीमत करीब 44 करोड़ डॉलर (लगभग 3,700 करोड़ रुपये) है। उनकी तुलना अगर कंपनी के संस्थापकों से करें तो फर्क साफ दिखता है। लैरी पेज की संपत्ति 171.2 अरब डॉलर और सर्गेई ब्रिन की 160.4 अरब डॉलर है, जो उन्हें दुनिया के सात सबसे अमीर लोगों में शामिल करती है।