सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स- कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ पर रोक लगाने के मामले को दिल्ली हाई कोर्ट के पास वापस भेजने की संभावना जताई है। जानें शीर्ष अदालत में कैसे चलीं दलीलें…
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स- कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ पर रोक लगाने के मामले को 25 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट के पास वापस भेजने की संभावना जताई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी समेत अन्य ने आरोप लगाया है कि फिल्म मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है।
मदनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की जिस समिति ने फिल्म को मंजूरी दी उसके कई सदस्य एक सत्तारूढ़ दल के सदस्य थे।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ऐसा तो सभी सरकारों में होता है। सरकार की नियुक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती है। वहीं जस्टिस जे. बागची ने कहा कि सरकार हमेशा एक सलाहकार समिति रखती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने पीठ को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एक समिति की ओर से पारित आदेश के बारे में बताया, जिसने कहा कि कुछ दृश्यों में काट-छांट और संशोधन सुझाए गए हैं। समिति ने फिल्म के प्रमाणन की समीक्षा की है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद 19 (1) के तहत अभिव्यक्ति की आजादी धर्म के मामले में तटस्थ है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की पीठ ने कहा कि वह 25 जुलाई को 10 से 15 मिनट मामले की सुनवाई करेगी और आदेश जारी करेगी। मामला दिल्ली हाई कोर्ट को वापस भेजा जा सकता है।
यही नहीं शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह कन्हैया लाल हत्याकांड मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका भी दिल्ली हाई कोर्ट को भेज सकती है जिसने सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की ओर से नियुक्त समिति ने फिल्म में छह कट के सुझाव दिए थे। साथ ही डिस्क्लेमर में संशोधन की सिफारिश की थी। फिल्मकार ने इसका अनुपालन करने का वादा भी किया था।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी। हमलावरों ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में दर्जी कन्हैया लाल के सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में उसकी हत्या की गई है।