आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव अजय सेठ को तीन वर्ष के लिए बीमा नियामक इरडा का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। अजय सेठ ने वित्त मंत्रालय के कई फैसलों में बड़ी भूमिका निभाई थी। बता दें कि देबाशीष पांडा ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद मार्च 2025 से यह पद रिक्त था।
आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव अजय सेठ को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की कमान मिली है। वह तीन वर्ष के लिए बीमा नियामक इरडा के चेयरमैन पद पर नियुक्त किए गए हैं। देबाशीष पांडा के इस्तीफा देने के बाद मार्च 2025 से यह पद रिक्त था। बता दें कि सेठ इससे पहले वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) सचिव के रूप में कार्यरत थे। दरअसल, इस वर्ष मार्च में सरकार ने तुहिन कांता पांडे के सेबी चेयरमैन के रूप में सेबी में स्थानांतरित होने के बाद तत्कालीन आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) सचिव अजय सेठ को राजस्व सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था।
कर्नाटक कैडर के आईएएस
अजय सेठ कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने रुड़की यूनिवर्सिटी और एटेनियो डी मनीला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। सेठ ने आर्थिक विकास, राजकोषीय प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और डिजिटल भुगतान के लिए नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
33 साल का अनुभव
सेठ को लोक सेवा में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनका अधिकांश करियर लोक वित्त, कर नीति, लोक व्यय, बजट, विदेशी निवेश, परियोजना मूल्यांकन, विकास वित्तपोषण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर केंद्रित रहा है। उन्होंने सामाजिक क्षेत्र प्रशासन, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी परिवहन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी काम किया है। अजय सेठ ने लोक वित्त और कराधान में 18 वर्ष और सामाजिक क्षेत्र तथा शहरी परिवहन एवं बुनियादी ढांचे में लगभग तीन-तीन वर्ष बिताए हैं। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार, कर्नाटक सरकार और एशियाई विकास बैंक में सेवा की है। सेठ को कर्नाटक के कॉमर्शियल टैक्सेसशन में बदलाव लाने के लिए 2013 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया था।
इरडा की मिली कमान
अब अजय सेठ को इरडा की कमान मिली है। इरडा की बात करें तो इसे भारत में बीमा क्षेत्र को नियंत्रित और विकसित करने के लिए स्थापित किया गया था। इरडा का प्राथमिक उद्देश्य पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना, बीमा उद्योग की वृद्धि को बढ़ावा देना और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।