बैंक में पासबुक अपडेट कराना हो, अपने हस्ताक्षर सत्यापित करवाने हों, या कोई अन्य छोटी सी भी सेवा लेनी हो, ग्राहकों को शुल्क चुकाना पड़ता है। पिछले मई में बैंकों ने एटीएम से महीने में 5 बार से ज्यादा पैसे निकालने पर भी शुल्क बढ़ा दिया था। पेश है विशेष संवाददाता की विशेष रिपोर्ट…
बैंकों के कई तरह के चार्ज ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ते जा रहे हैं। पिछले पांच-छह सालों में बैंकों ने हर छोटी-बड़ी सेवा पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। अब तो तुरंत पैसा भेजने-पाने वाली आईएमपीएस सेवा पर भी शुल्क लादा जा रहा है। साथ ही कई तरह के पुराने शुल्क भी बढ़ा दिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर, ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाएं भी कम होती जा रही हैं।
अब कुछ भी मुफ्त नहीं
आज हालत ये है कि बैंक में पासबुक अपडेट कराना हो, अपने हस्ताक्षर सत्यापित करवाने हों, या कोई अन्य छोटी सी भी सेवा लेनी हो, हर चीज के लिए ग्राहकों को शुल्क चुकाना पड़ता है। इसी कड़ी में पिछले मई में बैंकों ने एटीएम से महीने में पांच बार से ज्यादा पैसे निकालने पर भी शुल्क बढ़ा दिया था। अब हर अतिरिक्त निकासी पर 23 रुपये का चार्ज लगता है। इसके अलावा, पहली जुलाई से कुछ खास क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर भी नए शुल्क लागू कर दिए गए हैं।
नकद लेनदेन भी हुआ महंगा
बैंकों ने नकद लेनदेन के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है। अब कई बैंकों में ग्राहक महीने में सिर्फ तीन बार ही बिना शुल्क के शाखा या कैश मशीन (सीआरएम) से नकद जमा या निकासी कर सकते हैं। पहले यह सीमा पांच बार हुआ करती थी। अगर कोई ग्राहक इस सीमा से ज्यादा बार अपने खाते से नकद निकालेगा तो उसे हर बार 150 रुपये का भारी शुल्क देना होगा। साथ ही, अगर कोई एक महीने में एक लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा करता है तो उस पर भी 150 रुपये का शुल्क लगेगा।
सुविधाएं हो रहीं कम
ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाओं में भी कटौती की जा रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने क्रेडिट कार्ड्स पर मिलने वाले फायदे घटा दिए हैं। 15 जुलाई से एसबीआई के ‘प्राइम’ और ‘पल्स’ क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला 50 लाख रुपये का मुफ्त हवाई दुर्घटना बीमा भी बंद कर दिया गया है।
आ रहा है आईएमपीएस पर भी शुल्क का तूफान
एसबीआई ने 15 अगस्त से तुरंत पैसा ट्रांसफर करने वाली आईएमपीएस सेवा पर भी शुल्क लगाने का फैसला किया है। उम्मीद की जा रही है कि दूसरे बैंक भी जल्द ही आईएमपीएस पर शुल्क लगाने की घोषणा कर देंगे। हालांकि कई निजी बैंक पहले से ही ऑनलाइन आईएमपीएस पर शुल्क वसूल रहे हैं, लेकिन एसबीआई के इस कदम के बाद वे भी अपने शुल्क बढ़ा सकते हैं।
एसबीआई का नया आईएमपीएस चार्ज
धनराशि मौजूदा प्रस्तावित
1,000 नि:शुल्क निःशुल्क
1,000 से 10,000 तक निशुल्क निःशुल्क
10,000 से 25,000 तक निःशुल्क निःशुल्क
25,000 से 1,00,000 तक निःशुल्क 2 रुपये + जीएसटी
1,00,000 से 2,00,000 तक निःशुल्क 6 रुपये + जीएसटी
2,00,000 से 5,00,000 तक निःशुल्क 10 रुपये + जीएसटी
बैंकों द्वारा अपनी सेवाओं पर लगाए जा रहे शुल्क
बैंक की प्रमुख सेवाएं शुल्क
खाता रखरखाव चार्ज 500 रुपये
एसएमएस अलर्ट 10 से 35 रुपये प्रति तिमाही
डुप्लीकेट पासबुक 100 रुपये
डुप्लीकेट पासबुक एंट्री के साथ 50 रुपये प्रति पेज अतिरिक्त
चेक भुगतान को रोकना 200 रुपये प्रति चेक से अधिकतम 500 रुपये।
ग्राहक की कमी से चेक वापस होना 150 रुपये
हस्ताक्षर सत्यापन 100 रुपये
संयुक्त बैंक खाते में हस्ताक्षर सत्यापन 150 रुपये
डिमांड ड्राफ्ट पांच से 10 हजार तक 75 रुपये
खाते में मोबाइल नंबर, ई-मेल बदलना 50 रुपये व जीएसटी अतिरिक्त
डेबिट कार्ड रखरखाव चार्ज 250 से 800 रुपये।
डेबिट कार्ड री-पिन बदलना 50 रुपये
एसएमएस अलर्ट 10 से 35 रुपये प्रति तिमाही
पोस्टल चार्ज 50 से 100 रुपये
साफ है कि बैंक ग्राहकों को दी जाने वाली हर छोटी से छोटी सुविधा को अब पैसे से जोड़ चुके हैं, जिससे आम आदमी का बैंकिंग अनुभव लगातार महंगा होता जा रहा है।