Gold Hallmarking: केंद्र सरकार ने 9 कैरेट सोने के लिए हॉलमार्किंग मानकों को मंजूरी दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया जब भारत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं और 1 लाख रुपये के पार हैं।
Gold Hallmarking: सोने की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 9 कैरेट सोने के लिए हॉलमार्किंग मानकों को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ यह आधिकारिक तौर पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की हॉलमार्किंग सिस्टम का हिस्सा बन गया है। आपको बता दें कि वर्तमान में 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य थी लेकिन अब 9 कैरेट सोना (375 पीपीटी शुद्धता) भी इस सूची में शामिल हो गया है।
क्यों अहम है फैसला
दरअसल, भारत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं और 1 लाख रुपये के पार कर गई हैं। सोने की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण 24 कैरेट और 22 कैरेट की कीमतें आम उपभोक्ताओं के लिए काफी अधिक हो गई हैं। यह आम लोगों के बजट के बाहर होता जा रहा है। अब 9 कैरेट सोने की कीमत ग्राहकों आकर्षित होंगे। यह न केवल सस्ता है, बल्कि आधुनिक डिजाइनों के लिए भी उपयुक्त है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग केंद्रों को बीआईएस नियमों के तहत इस अतिरिक्त नियम का पालन करना आवश्यक है।
क्या है हॉलमार्किंग के मायने
हॉलमार्किंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जो सोने की शुद्धता को प्रमाणित करती है। BIS के तहत संचालित यह सिस्टम सुनिश्चित करता है कि आभूषणों में मौजूद सोने की मात्रा मानकों के अनुरूप हो। हॉलमार्किंग के जरिए ग्राहकों को BIS लोगो, शुद्धता का ग्रेड (जैसे 375), और 6 अंकों का यूनिक HUID कोड मिलता है, जो आभूषण की विश्वसनीयता को बढ़ाता है। यह उपभोक्ताओं को मिलावट से बचाता है और खरीदारी में पारदर्शिता लाता है। 9 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग से न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि ज्वैलरी उद्योग और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।