जगदीप धनखड़ इस्तीफा देने से पहले सोमवार को अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंच गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। धनखड़ ने सोमवार रात करीब नौ बजे राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। फिर सोशल मीडिया पर उसे सार्वजनिक कर दिया।
संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन यानी सोमवार की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ अब बहुत उपराष्ट्रपति आवास भी खाली करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबित, जिस रात धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, उसी रात राष्ट्रपति भवन से लौटने के बाद अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया था, जबकि उनका इस्तीफा अगले दिन मंगलवार की दोपहर आधिकारिक तौर पर मंजूर किया गया था। इससे स्पष्ट है कि धनखड़ उपराष्ट्रपति एन्क्लेव छोड़ने की भी जल्दी में हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस्तीफा देने के बाद से धनखड़ एकांत में चले गए हैं और वह किसी भी दल के नेता से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जगदीप धनखड़ से मिलने के लिए समय माँगा था, लेकिन उन्होंने इन अनुरोधों का कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत और शरद पवार ने भी मंगलवार को जगदीप धनखड़ से मिलने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें भी समय नहीं मिल पाया।
इस्तीफे पर सियासी रार
इधर, धनखड़ के इस्तीफे पर सियासी रार मची हुई है। विपक्ष का आरोप है कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। जगदीप धनखड़ फिलहाल संसद परिसर के पास चर्च रोड पर बने उपराष्ट्रपति एनक्लेव में रह रहे हैं। वह पिछले साल ही इस भवन में शिफ्ट हुए थे। अब प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें टाइप-8 कैटेगरी का सरकारी बंगला अलॉट किया जा सकता है। नियमानुसार कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति को टाइप-8 कैटेगरी का सरकारी बंगला अलॉट किया जाता है।
अचानक पहुंच गए थे राष्ट्रपति भवन
बता दें कि जगदीप धनखड़ इस्तीफा देने से पहले सोमवार को अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। धनखड़ ने सोमवार रात करीब नौ बजे राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। सूत्रों ने बताया कि आधे घंटे बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सार्वजनिक कर दिया।
धनखड़ ने अपने पत्र में कहा, ‘‘स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।’’74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था। धनखड़ राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे।