आयकर विधेयक-2025 की समीक्षा के लिए भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में लोकसभा की प्रवर समिति का गठन किया गया था। लोकसभा में पेश की गई 4,575 पेज की रिपोर्ट में नए आयकर विधेयक, 2025 में एनपीओ की आय के प्रबंधन के तरीके में व्यापक बदलाव के सुझाव भी दिए गए हैं।
Income Tax Bill 2025: इनकम टैक्स बिल 2025 में हाउसिंग प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर बड़ा बदलाव हो सकता है। दरअसल, लोकसभा की प्रवर समिति ने हाउसिंग प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर कर कटौती के संबंध में दो संशोधनों की सिफारिश की है। समिति द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में से एक नगरपालिका करों की कटौती के बाद हाउसिंग टैक्स के सकल वार्षिक मूल्य (GAV) से 30% की मानक कटौती की अनुमति देना है। समिति की सिफारिश के मुताबिक किराये पर दी गई हाउसिंग प्रॉपर्टी से आय की गणना करते समय होम लोन ब्याज की कटौती की अनुमति देना है।
घर के मालिकों से मतलब क्या है?
अगर आप एक ऐसे घर के मालिक हैं जिसने किसी वित्तीय संस्थान से होम लोन लेकर हाउसिंग प्रॉपर्टी खरीदी है, तो आप लोन के मूलधन और ब्याज, दोनों पर कुछ टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। ये संशोधन आयकर अधिनियम, 1961 के तहत थे लेकिन किसी कारण से आयकर विधेयक, 2025 ने इन्हें पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
टैक्स2विन के सह-संस्थापक, अकाउंटेंट अभिषेक सोनी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि किराए पर दी गई संपत्ति वह होती है जिसे किसी अन्य पक्ष को किराए पर या लीज पर दिया जाता है। ऐसी संपत्ति से प्राप्त किराये की आय, हाउस प्रॉपर्टी से आय शीर्षक के अंतर्गत टैक्स योग्य होती है। व्यक्ति हाउस प्रॉपर्टी और होम लोन पर ब्याज पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
समिति के ये भी सुझाव
नए आयकर विधेयक की समीक्षा करने वाली संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि व्यक्तिगत करदाताओं को बिना किसी जुर्माने के नियत तिथि के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करके स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) रिफंड का दावा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। संसदीय समिति ने यह सुझाव भी दिया कि धार्मिक एवं परमार्थ न्यासों को दिए गए गुमनाम दान को कराधान से मुक्त रखा जाए। बता दें कि आयकर विधेयक-2025 की समीक्षा के लिए भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में लोकसभा की प्रवर समिति का गठन किया गया था।