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सपा विधायक जाहिद अली बेग को बड़ी राहत, जमानत अर्जी मंजूर, कब तक आएंगे जेल से बाहर?

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उत्तर प्रदेश स्थित भदोही से सपा विधायक जाहिद बेग के घर में नाबालिग नौकरानी मिलने के मामले में उन्हें बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा विधायक जाहिद बेग को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने सपा विधायक जाहिद बेग की ज़मानत अर्जी मंजूर कर ली है. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई.

जाहिद बेग के खिलाफ  13 सितंबर 2024 को भदोही जिले के भदोही थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.

एफआईआर में आरोप लगाया है कि 9 सितंबर 2024 को विधायक के घर में बंद कमरे में नाबालिग लड़की का शव संदिग्ध रूप से मिला था. इस मामले में जब जांच हुई तो संज्ञान में आया कि एक अन्य नाबालिग लड़की विधायक के घर मे घरेलू नौकरानी के रूप में काम कर रही है.

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विधायक के घर से नाबालिग लड़की को मुक्त कराया गया था. भदोही कोतवाली में श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बाल श्रम और मानव तस्करी के आरोप में सपा विधायक जाहिद बेग पर एफआईआर दर्ज कराया था. विधायक ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.

क्या है मामला?
दरअसल, विधायक जाहिद बेग के खिलाफ 13 सितंबर 2024 को भदोही जिले के भदोही थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर के मुताबिक, 9 सितंबर 2024 को विधायक के सरकारी आवास में एक नाबालिग लड़की का शव बंद कमरे में संदिग्ध हालत में मिला था. इस घटना के बाद जब पुलिस और प्रशासन ने जांच की तो एक और नाबालिग लड़की के घर में घरेलू नौकरानी के रूप में कार्यरत होने की बात सामने आई.

जांच के दौरान उस दूसरी नाबालिग लड़की को घर से मुक्त कराया गया. मामले की रिपोर्ट श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें बाल श्रम निषेध कानून और मानव तस्करी से संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. एफआईआर में सपा विधायक जाहिद बेग को सीधे तौर पर आरोपी बनाया गया.

क्या बोले वकील?
उनके अधिवक्ता जीशान मज़हर शकील ने बताया कि कानूनी पक्रिया पूर्ण होने पर विधायक जल्द ही प्रयागराज की नैनी जेल से बाहर आ जायेंगे.

वरिष्ठ अधिवक्ता मज़हर शकील ने बताया कि भदोही सदर कोतवाली में सपा विधायक जाहिद बेग और पत्नी सीमा बेग के खिलाफ नाबालिग नौकरानी से मारपीट बदसुलूकी और आत्महत्या के लिए प्रेरित करना और वर्षों से नाबालिग लड़की से 24 घंटे घरेलू काम करवाने के लिए क्राइम नम्बर 185/24 भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और धारा 143/4/5, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 79 व बंधित श्रम पद्धति उन्मूलन अधिनियम (बाल बंधुआ), 1976 की धारा 4/16 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था.वहीं इस दौरान कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान पुलिस से मारपीट और वर्दी फाड़ने को लेकर भी BNS की धारा 121/2, 132, 221 के तहत अलग अलग थाने में मुकदमें दर्ज़ है.

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