साल 2000 से 2015 तक इमामगंज से बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि 2015 से 2024 तक पूर्व सीएम जीतन राम मांझी यहां से विधायक थे लेकिन 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी ने गया लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और सांसद बने. उसके बाद यहां उप चुनाव हुआ जिसमें उनकी बहू दीपा कुमारी को जीत मिली.
अब कुछ दिनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में क्षेत्र की जनता इस बार कैसा विधायक चुनेंगी इस पर इमामगंज से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रानीगंज बाजार के लोगों से उनकी राय जानी. यहां के लोगों ने विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग राय रखी. कुछ लोग वर्तमान विधायक के साथ जाते नजर आए तो कुछ लोग विपक्ष के उम्मीदवार को वोट देने की बात कही. कुछ लोग ऐसे भी थे जिनका झुकाव जन सुराज पार्टी की ओर था.
क्या हैं इमामगंज में जमीनी मुद्दे?
बता दें कि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास है. यहां आज भी बड़ी संख्या में लोग रोजाना दूसरे प्रदेश रोजगार की तलाश में जाते हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में शिक्षा की कोई बेहतर सुविधा नहीं है. यहां के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए शेरघाटी या गया जाना पड़ता है. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इमामगंज में डिग्री कॉलेज खोलने की स्वीकृति दे दी है और इसका निर्माण भी शुरू हो गया है.
भाजपा या एनडीए के उम्मीदवार को ही वोट
इमामगंज बाजार के रहने वाले कुंदन सिंह ने बताया कि वह इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को वोट देंगे. इन्होंने बताया कि जब मांझी जी इमामगंज से विधायक थे तो उन्होंने क्षेत्र में काफी काम किया है. वहीं जब से उनकी बहू दीपा मांझी यहां से विधायक बनी है यहां कई काम किए जा रहे हैं इसमें डिग्री कॉलेज शामिल है. धीरे-धीरे जहां पुल पुलिया या सड़क का काम नहीं हुआ है उसे भी बनाया जा रहा है. वहीं रानीगंज बाजार के रहने वाले सुनील कुमार ने बताया कि मरते दम तक भाजपा चाहिए. बचपन से ही भगवा रंग देखकर भाजपा पसंद है और इस बार के चुनाव में भी भाजपा या एनडीए के उम्मीदवार को ही वोट देंगे.
रानीगंज चपरी गांव के रहने वाले तपेश्वर तिवारी ने बताया कि इमामगंज को देश प्रेमी विधायक चाहिए, जिसको इस मातृभूमि से लगाव हो वैसा विधायक चाहिए. जो जनता की सेवा करें वैसा विधायक. उन्होंने बताया वर्तमान विधायक दीपा मांझी ने अब तक कोई काम नहीं किया है यहां तक की जनता का कोई काम अभी तक नहीं हुआ है और न ही वह जनता से मिलती हैं. यूं कहे तो इलाके के लोगों से उनका कोई लेना-देना नहीं है. काम की बात करें तो रानीगंज बाजार की सड़क की स्थिति देख लीजिए यहां की दुर्दशा काफी खराब है. बदबूदार और जीवाणु युक्त यहां के सदके हैं.
वहीं किसनीचक गांव के रहने वाली शांति देवी ने अपने गीत के माध्यम से बताया कि उनके पति का देहांत काफी पहले हो गया था बावजूद अभी तक उनको विधवा पेंशन नहीं मिलती है. उनके बच्चे पढ़े लिखे हैं लेकिन किसी तरह का कोई रोजगार नहीं है.
झारखंड सीमा से सटे इमामगंज क्षेत्र में कई परियोजना पर काम हो रहा है जिसमें इस क्षेत्र से एक्सप्रेस वे गुजरने वाली है. मोरहर नदी पर बीयर बांध का निर्माण हो रहा है जिससे क्षेत्र के किसानों को पटवन में सुविधा होगी. इमामगंज-कोठी-सलैया सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है जिससे झारखंड पहुंचने में लोगों को सहूलियत होगी. इसके अलावा यहां डिग्री कॉलेज का निर्माण हो रहा है. मैगरा में आईटीआई कॉलेज संचालित है. इस क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक पुलिस थाना और पैरा मिलिट्री कैंप संचालित है.
इस क्षेत्र के लोगों की कुछ बड़ी मांग थी जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी है जिसमें इमामगंज को जिला बनाने की मांग के अलावा रेलवे नेटवर्क से इमामगंज को जोड़ने की मांग है. इसके अलावा कई जगहों पर पुल निर्माण जिसमें नावाडीह और पकरी गुरिया और पथरा, हेरहंज, केवलडीह और राज बलिया गांव के पास पुल निर्माण की मांग पूरी नहीं हुई है. हालांकि, कुछ जगह पर पुल बनाने की स्वीकृति मिल गई है.
इमामगंज विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है और जातीय मतदाताओं के आंकड़े में मांझी समाज का वोट सर्वोपरि है. दूसरे नंबर पर दांगी कोयरी हैं और तीसरा स्थान यादव समाज का है. इसके अलावा यहां बनिया वोटर और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 315161 है. इन मतदाताओं में से 163710 पुरुष और 151442 महिला मतदाता हैं.
साल 2024 उपचुनाव की नतीजा
साल | उम्मीदवार | पार्टी | वोट | परिणाम |
2024 (उपचुनाव) | दीपा मांझी | HAM | 53435 | जीत |
पिछले 15 साल के आकड़े
साल | नाम | वोट | पार्टी | परिणाम |
2020 | जीतन राम मांझी | 78762 | HAM | जीत |
2015 | जीतन राम मांझी | 79389 | HAM | जीत |
2010 | उदय नारायण चौधरी | 44126 | JDU | जीत |
2015 में इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 266879 मतदाता थे. कुल वैध मतों की संख्या 150175 थी. इस सीट से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के उम्मीदवार जीतन राम मांझी जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 79389 वोट मिले. जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी कुल 49981 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 29408 वोटों से हार गए.
वर्तमान विधायक दीपा कुमारी खिजरसराय से 2010 में जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं. दीपा ग्रेजुएट है और उनकी पढ़ाई फतेहपुर हाई स्कूल से हुई है. इनके पति संतोष कुमार सुमन बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. जबकि उनकी मां ज्योति मांझी बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से विधायक है वहीं ससुर जीतन राम मांझी वर्तमान में गयाजी के सांसद और केंद्रीय मंत्री है.