सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा
सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा के मारने की हर 45 दिन में एक कोशिश हो रही है. यह खुलासा लेबनान और इजराइल की स्थानीय मीडिया ने किया है. मार्च 2025 से लेकर अब तक सीरिया के राष्ट्रपति को मारने की 3 बड़ी कोशिश हुई है. इन कोशिशों के पीछे इस्लामिक स्टेट के आतंकी और इजराइल सरकार के अफसर हैं.
दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद अल-शरा ने सीरिया की कमान संभाली थी. राष्ट्रपति बनने से पहले अल-शरा आतंकी समूह एचटीएस के प्रमुख पद पर काबिज थे.
कब-कब मारने की हुई कोशिश?
1. लेबनानी अखबार लॉरिएंड टुडे के मुताबिक सीरिया के राष्ट्रपति को मारने की पहली कोशिश 18-19 मार्च को हुई थी. उस वक्त पीपुल्स पैलेस (राष्ट्रपति भवन के पास) घात लगाकर ISIS का एक लड़ाका बैठा था. इसकी भनक लगते ही सीरियाई अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
बाद में पूछताछ में उस संदिग्ध ने जो खुलासा किया, उससे सीरियाई सैनिक सकते में आ गए. खुलासे के मुताबिक अल शरा उसके विचारधारा को छोड़ दिया है, इसलिए उसे मारने की कोशिश की गई. सीरिया सरकार ने इस पूरे मसले को ज्यादा भाव नहीं दिया.
कहा जा रहा है कि अल शरा नहीं चाहते थे कि दुनिया में यह खबर जाए कि वे सीरिया में काफी कमजोर स्थिति में हैं.
2. 5-6 जून 2025 को सीरिया के राष्ट्रपति को फिर से मारने की कोशिश की गई. इस बार इस्लामिक स्टेट के आतंकी दारा में थे, जहां पर पहली बार अल शरा लोगों की समस्या जानने के लिए पहुंचे थे. रिपोर्ट के मुताबिक अल-शरा का काफिला जैसे ही दारा से निकला, वहां पर सुरक्षा बलों को 2 संदिग्ध दिखा.
आनन-फानन में काफिले को मोड़ लिया गया. अल शरा ने इस घटना को भी दबाने के लिए कहा. इस घटना के पीछे भी आईएसआईएस का ही हाथ था.
3. ड्रूज और बडौइन के बीच जब विवाद चरम पर पहुंचा, तब भी अल-शरा को मारने की कोशिश हुई. इजराइली अखबार Ynet के मुताबिक अल-शरा को मारने का यह प्रयास सबसे घातक था. इस प्रयास में इजराइल के अधिकारियों के शामिल होने की बात कही गई.
मारने की यह कोशिश भी ठीक 45 दिन के बाद की गई. अल शरा ने 18-19 जुलाई को अपने ऊपर हमले की कोशिश को देखते हुए राष्ट्रपति भवन को छोड़ दिया. अल मायादीन के मुताबिक अल-शरा दमिश्क से इदबीब की तरफ चले गए. हालांकि, सरकार ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की.
हर बार कैसे बच जा रहे अल-शरा?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि 3 कोशिश के बावजूद अल-शरा कैसे हर बार बच जा रहे हैं? दरअसल, सीरिया के साथ-साथ तुर्की तुर्की सेना भी अल-शरा को सुरक्षा मुहैया करा रही है. तुर्की की सेना शरा को खुफिया रिपोर्ट भी मुहैया करा रही है. अब तक तीनों ही बार तुर्की की तत्परता से शरा बच गए हैं.
तुर्की के विदेश मंत्री फिदान ने अलल-ऐलान कर कहा है कि सीरिया में वे फिर से गृह युद्ध नहीं होने देना चाहते हैं. तुर्की ने सीरिया में हथियार लेकर उतरने की बात कही है. साथ ही तुर्की ने अल शरा को पूरा समर्थन दिया है.