पीएम मोदी 23 और 24 जुलाई को ब्रिटेन के दौरे पर रहेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (23 जुलाई 2025) से अपनी चार दिनी विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. अपने दौरे पर वह सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम पहुंचेंगे. वहां वह प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के न्योते पर जा रहे हैं. इसके बाद मालदीव जाएंगे. इस दौरे पर प्रधानमंत्री भारत-यूके के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड डील को अंतिम रूप दे सकते हैं. उन अंग्रेजों के साथ यह डील ऐतिहासिक होगी, जिन्होंने भारत समेत पूरी दुनिया से औपनिवेशिक शासन के दौरान कुछ न कुछ छीना है.
आइए जान लेते हैं कि भारत से कोहिनूर और टीपू सुल्तान की तलवार समेत अंग्रेजों ने दुनिया के किस देश से क्या-क्या छीना?
कोहिनूर और महाराजा रणजीत सिंह का सिंहासन
औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत में ब्रिटेन ने कितनी लूट की, इसके आंकड़े तमाम किताबों और पत्रिकाओं में मौजूद हैं. ऑक्सफैम इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार तो अंग्रेजों ने भारत में इतनी लूटपाट की कि वर्तमान समय की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं तैयार हो सकती हैं. इनमें अमेरिका और चीन जैसी दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल होंगी. तमाम रियासतों के खजानों के साथ अंग्रेजों ने कोहिनूर हीरा साल 1849 में दूसरे आंग्ला-सिख युद्ध के तहत हासिल किया था.
इसे लॉर्ड डलहौजी ने लाहौर संधि के तहत महाराज दलीप सिंह से लिया था. सिख युद्ध के दौरान ही महाराजा रणजीत सिंह का अमूल्य सिंहासन भी अंग्रेज अपने साथ ब्रिटेन ले गए थे. इस सिंहासन का निर्माण साल 1820 से 1830 के बीच लकड़ी और रेजिन से हाफिज मुहम्मद मुल्तानी ने किया था, जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी.

ब्रिटेन के शाही परिवार के ताज में जड़ा कोहिनूर. GraphicaArtis/Getty Images
टीपू सुल्तान के खजाने से लूटपाट
अंग्रेजों ने साल 1799 में टीपू सुल्तान के खिलाफ चौथा मैसूर युद्ध लड़ा था. इसके बाद राजधानी श्रीरंगपट्टनम पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया और युद्ध में टीपू सुल्तान मारे गए. अंग्रेजों ने टीपू के खजाने और महल से कई कीमती सामान लूट लिए, जिनमें उनकी तलवार भी थी. इसे बेडचैम्बर तलवार कहा जाता था, क्योंकि यह टीपू के निजी कक्ष में पाई गई थी.
अंग्रेज इस तलवार को एक ट्रॉफी स्वरूप अपने साथ ले गए. इसे नीलामी में बेचा जा चुका है. ऐसे ही अंग्रेज टीपू की सोने की अंगूठी भी लेकर गए, जिस पर राम खुदा हुआ है. इसे भी साल 2014 में नीलामी किया जा चुका है. टीपू सुल्तान के खजाने से अंग्रेजों ने प्रसिद्ध टाइगर टॉय भी लूट लिया था. अंग्रेज पर हमला करते यह बाघ इस वक्त संग्रहालय में रखा गया है.

टीपू सुल्तान.
भारत से ये बहुमूल्य चीजें भी ले गए अंग्रेज
गुप्त काल में तांबे से बनाई गई सुल्तानगंज बुद्ध की प्रसिद्ध प्रतिमा भी अंग्रेज लूट ले गए, जो बर्मिंघम म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी में रखी है. इसके अलावा हरीहर प्रतिमा जो करीब एक हजार साल पुरानी है, उसे भी साल 1872 में अंग्रेज ले गए. बलुआ पत्थर से बनी यह प्रतिमा ब्रिटिश म्युजियम में रखी है. अमरावती मार्बल्स प्रतिमाएं अंग्रेज लूटकर ले गए जो आंध्र प्रदेश के अमरावती स्तूप में लगी हुई थीं. इनको साल 1840 में उखाड़ा गया था. अंग्रेजों ने पहले स्वाधीनता संग्राम के दौरान शाहजहां का शराब का एक कप भी हासिल किया था और ब्रिटेन लेकर गए.
विदेशों में 16वीं सदी में ग्रेट ब्रिटेन ने अपनी बस्तियां बसानी शुरू कीं और एक-एक कर दुनिया के 56 से ज्यादा देशों को अपने अधीन कर लिया था. आज दुनिया का दादा बना फिर रहा अमेरिका भी ब्रिटेन का गुलाम था. इसके अलावा कैरेबियाई द्वीप के जमैका, त्रिनिदाद और टोबैगो, बारबाडोस, बहामास जैसे देश, अफ्रीका में घाना, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, जिम्बाब्वे, मिस्र और सूडान समेत कई देशों पर अंग्रेजों का शासन रहा. भारत (पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत), सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और प्रशांत महासागर जैसे कई द्वीप भी ब्रिटिश शासन के अधीन थे. इन सभी देशों से अंग्रेजों ने बहुत कुछ लूटा.

टीपू सुल्तान के शव के साथ अंग्रेज. फोटो: Heritage Art/Heritage Images via Getty Images
कई देशों का खजाना और बहुमूल्य चीजें लूटीं
अंग्रेजों ने एशिया, अफ्रीका और अन्य महाद्वीपों में स्थित देशों के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया तो कलाकृतियां और सांस्कृतिक धरोहरों को लूट कर ले गए. कई देशों का खजाना लूट कर ले गए, जिनमें ऐतिहासिक बहुमूल्य चीजें शामिल थीं.
अफ्रीका में हीरा, सोना, तांबा, कोबाल्ट, और अन्य खनिजों का भंडार था. अंग्रेजों ने इन प्राकृतिक संसाधनों का शोषण की हद तक दोहन किया और अपने देश ले गए. इसके अलावा कई अफ्रीकी कलाकृतियां जैसे बेनिन कांस्य को लूट कर ले गए. ऑस्ट्रेलिया से अंग्रेजों ने हीरे-जवाहरात तो नहीं लूटे पर उपनिवेश के रूप में इसका इस्तेमाल किया. इससे उनको आर्थिक और राजनीतिक लाभ मिला. ऑस्ट्रेलिया के संसाधनों का जम कर दोहन किया. वहां से ऊन और अन्य कच्चे सामान ब्रिटेन ले गए.
अमेरिका तक से अंग्रेज कच्चा माल, लकड़ी, लौह अयस्क और कृषि उत्पाद खूब लूटे. साथ ही अमेरिकी उद्योगों को इतना दबाया, जिससे वे अंग्रेजों के तैयार माल के लिए बाजार के रूप में काम करें और अंग्रेजों का सामान खरीदने के लिए वहां के लोग मजबूर हों.
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