बता दें कि बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए और तीखी नोकझोंक देखने को मिली. नीतीश ने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा, “तुम्हारे माता-पिता मुख्यमंत्री रहे, पहले क्या था? हमने तुम्हें साथ लिया, लेकिन तुम ठीक नहीं कर रहे थे इसलिए छोड़ दिया”. उन्होंने तेजस्वी को “बच्चा” कहकर तंज कसा और बोले, “चुनाव लड़ना है तो लड़ो, लेकिन अंड-बंड बोलने की जरूरत नहीं. जनता सब देख रही है”. नीतीश ने 2005 के बाद महिलाओं के लिए किए कार्यों, 50% आरक्षण और बिहार के विकास का जिक्र करते हुए कहा, “पहले पटना में शाम को कोई निकलता था? हमने हर क्षेत्र में काम किया”. इसी बीच आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के बयान ने माहौल गरमा दिया और इतना हंगामा बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई.
भाई वीरेंद्र के बयान पर बिहार विधानसभा में हंगामा
तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट SIR पर EC को घेरा
हंगामे के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. भाई वीरेंद्र और मंत्री अशोक चौधरी के बीच तीखी बहस हुई. विजय सिन्हा ने भाई वीरेंद्र के बयान पर आपत्ति जताई, जबकि नीतीश कुमार ने कहा, “सबको बोलने का समय है, लेकिन बेमतलब की बातें न करें”. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बिहार के विकास का दावा किया और कहा, “चुनाव में जनता तय करेगी” विपक्ष ने विशेष प्रोत्साहन पुनरीक्षण (SIR) और अपराध के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की.
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को दिया यह चैलेंज
विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया. अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के जिवेश मिश्रा को चेतावनी दी, “निर्णय मैं लूंगा, आप नहीं” तेजस्वी ने वोटर लिस्ट मुद्दे पर चर्चा की मांग दोहराई, लेकिन सत्तापक्ष ने इसे टालने की कोशिश की. नीतीश कुमार ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा, “चुनाव के बाद देख लेंगे, कौन सदन में आएगा” हंगामे और नारेबाजी के बीच सदन में तनाव चरम पर रहा जो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पक्षों की सियासी गर्मी को और राजनीतिक तैयारी को बता रहा है.