Gold Price Review: सोने ने पिछले 6 सालों में शेयर बाजार को पीछे छोड़ते हुए शानदार रिटर्न दिया है। वैश्विक अनिश्चितता और मांग ने इसे चमकाया। एक्सपर्ट मानते हैं कि थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं। पेश है निशांत कुमार की रिपोर्ट…
Gold Price Review: पिछले छह सालों में सोना निवेशकों को मालामाल करने वाला साबित हुआ है। मई 2019 से जून 2025 तक सोने की कीमत 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 1,00,000 रुपये के पार पहुंच गई है। यानी इसने 200% से भी ज्यादा का शानदार रिटर्न दिया है। वहीं इसी अवधि में निफ्टी 50 ने करीब 120% का रिटर्न दिया। 2015 से अब तक के ज्यादातर सालों में सोने ने सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों को ही परफॉर्मेंस में पीछे छोड़ दिया है।
क्यों चमका सोना?
इस तेजी के पीछे कई वजहें हैं। दुनिया भर में आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं रहे। महंगाई लगातार बनी रही और केंद्रीय बैंकों ने पैसे की सप्लाई बढ़ाई (मौद्रिक नरमी)। कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन जंग जैसी घटनाओं ने अनिश्चितता बढ़ाई। दूसरी वजह रही केंद्रीय बैंकों और आम निवेशकों की सोने की मजबूत मांग। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की वजह से शुरू हुए ट्रेड वॉर ने भी सोने को चमकाने का काम किया है। असल में, जब भी दुनिया में तनाव बढ़ता है या महंगाई दौड़ती है, निवेशक सोने की तरफ भागते हैं।
एक्सपर्ट्स की राय: गिरे तो खरीदो, लेकिन बड़ी गिरावट का इंतजार न करो
बाजार के जानकार मानते हैं कि साल की पहली छमाही में जबरदस्त रिटर्न देने के बाद, सोना दूसरी छमाही में भी आगे बढ़ने की अच्छी स्थिति में है। हालांकि, इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद थोड़ी मांग कम हो सकती है। इसलिए, नई तेजी शुरू होने से पहले सोने में कुछ मुनाफावसूली (Profit Booking) या छोटा सुधार (Correction) देखने को मिल सकता है। यानी कीमतें थोड़ी नीचे आ सकती हैं।
मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए यही सलाह है कि अगर सोना गिरता है तो उसे खरीदने का मौका समझो। कीमतें सुधार के लिए तैयार दिख रही हैं, लेकिन एक्सपर्ट ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं कर रहे। वे अल्पकालिक से मध्यम अवधि के लिए थोड़ा सतर्क हैं।
कितना ऊपर जा सकता है सोना?
या वेल्थ के निदेशक अनुज गुप्ता का कहना है कि जिन निवेशकों ने 5-6 साल पहले सोना खरीदा था, वे अब कुछ मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि तेजी के अगले दौर से पहले छोटा सुधार हो सकता है। उनका वर्ष के अंत का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,500-$3,700 प्रति औंस और भारत (MCX गोल्ड) में दिवाली 2025 या साल के अंत तक ₹1,00,000-1,03,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का है।
अजय गर्ग (एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज): इनका मानना है कि चल रहे युद्ध और व्यापारिक झगड़े लोगों को सोना खरीदने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। 2025 में भी केंद्रीय बैंक और ईटीएफ सोने की मजबूत खरीदारी करेंगे। इसलिए सोने में बहुत बड़ी गिरावट नहीं आएगी। गिरावट आए तो उसमें खरीदारी कर लेनी चाहिए। उनका कहना है, “सोने के मामले में, बड़ी गिरावट का इंतजार न करें।” उन्हें उम्मीद है कि 2025 की दूसरी छमाही में सोना ₹1,05,000 प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर को भी छू सकता है।
सोने ने पिछले 6 सालों में शेयर बाजार को पीछे छोड़ते हुए शानदार रिटर्न दिया है। वैश्विक अनिश्चितता और मांग ने इसे चमकाया। एक्सपर्ट मानते हैं कि थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं। उनकी सलाह है कि अगर कीमतें गिरें तो उसे खरीदने का मौका समझना चाहिए, क्योंकि साल के अंत तक सोना ₹1,00,000 से ₹1,05,000 तक भी पहुंच सकता है।