पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ता आक्रामक तरीके से मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में रहने वाले लोग मराठी सीखें। उन्होंने हालिया कुछ हफ्तों में मराठी में जवाब न देने पर कुछ दुकानदारों पर कथित हमले भी किए हैं।
महाराष्ट्र में जारी मराठी बनाम हिन्दी भाषा विवाद के बीच राज्य के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि भाषा विवाद की वजह से हिंसा की घटनाएँ राज्य में निवेश पर बुरा असर डाल सकती हैं। उन्होंने आगाह किया कि अगर ऐसा हुआ तो इससे महाराष्ट्र को दीर्घकालिक रूप से नुकसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी की मातृभाषा का सम्मान किया जाना चाहिए।
अपनी बात को और अधिक स्पष्ट करने के लिए गवर्नर राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में सांसद रहने के दौरान हुई एक घटना भी साझा की, जहां उन्होंने कुछ इसी तरह का भाषा विवाद और मारपीट की घटना देखी थी। उन्होंने कहा, “जब मैं तमिलनाडु में सांसद था, तो एक दिन हाईवे पर मैंने कुछ लोगों को किसी को पीटते हुए देखा। मैंने तुरंत अपने ड्राइवर से गाड़ी रोकने को कहा और खुद गाड़ी से उतर गया। मुझे देखकर, जो लोग पीट रहे थे, वे भाग गए और जो लोग पिट रहे थे, वे वहीं खड़े रहे। मैंने उनसे पूछा कि समस्या क्या है, तो वे हिंदी में बता रहे थे और मैं सिर्फ मार-मार समझ पा रहा था। मैंने होटल मालिक को बुलाया और उससे पूछा, तो उसने मुझे बताया कि वे तमिल नहीं जानते, वे लोग उन्हें पीटने की कोशिश कर रहे थे और उनसे सिर्फ तमिल में बात करने को कह रहे थे।”
अगर आप आकर मुझे पीटेंगे, तो क्या…
इससे आगे राधाकृष्णन ने कहा, “अगर आप आकर मुझे पीटेंगे, तो क्या मैं तुरंत मराठी में बात करने लगूंगा? यह नामुमकिन है। मैंने उन लोगों से माफी मांगी… उन्हें खाने का पैसा दिया और गाड़ी में उन्हें बैठाने के बाद ही वहाँ से गया।”
नफरत फैलाएँगे, तो कौन सा निवेशक आएगा?
इस घटना को साझा करने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की नफरत की घटनाओं को देखकर निवेशक राज्य में निवेश करने नहीं आएंगे, जिससे लंबे समय में महाराष्ट्र को नुकसान होगा। उन्होंने कहा, “मैं यह क्यों कह रहा हूँ? अगर हम इस तरह की नफरत फैलाएँगे, तो कौन सा निवेशक आएगा? कोई निवेशक नहीं आएगा, कोई उद्योग नहीं आएगा। लंबे समय के लिए हम महाराष्ट्र को नुकसान पहुँचा रहे हैं।”
हिन्दी न बोल पाने का जताया दु:ख
उन्होंने हिंदी न बोल पाने और न ही समझ पाने का दर्द भी साझा किया और कहा कि यह उनके लिए एक बाधा है। उन्होंने कहा, “मैं हिंदी नहीं समझ पाता, और यही मेरे लिए एक बाधा है… इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा भाषाएँ सीखनी चाहिए, और हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए, इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए।” महाराष्ट्र के गवर्नर की यह टिप्पणी राज्य में गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हाल की हिंसा की घटनाओं के बीच आई है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने कई हिन्दी भाषियों के साथ मराठी नहीं बोलने पर मारपीट की है। इसकी वजह से राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।