सैमुएल ने आखिरी वक्त में निमिषा को दिया धोखा
निमिषा प्रिया को बचाने में जुटे निमिषा सेव इंटरनेशनल काउंसिल के लोग आपस में ही सिरफुटौव्वल करने लगे हैं. चंदा और क्रेडिट की लड़ाई ने काउंसिल के भीतर बवाल खड़ा कर दिया है. तलाल अब्दो महदी के परिवार ने काउंसिल के सदस्य सैमुएल जेरोम पर चंदा खाने का आरोप लगाया है.
द हिंदू के मुताबिक तलाल अब्दो के भाई ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर सैमुएल पर ब्लड मनी के लिए 35 लाख रुपए फर्जी तरीके से वसूलने का आरोप लगाया है. इन पैसों के बारे में निमिषा के परिवार को भी नहीं बताया. सैमुएल काउंसिल का मुख्य सदस्य है, जो यमन की राजधानी सना में रहता है.
सैमुएल पर काउंसिल ने एक्शन लिया
तलाल के भाई ने जैसे ही सैमुएल पर पैसा खाने का आरोप लगाया है, वैसे ही निमिषा इंटरनेशनल काउंसिल हरकत में आ गई. काउंसिल के लीगल एडवाइजर के मुताबिक सैमुएल को काउंसिल से हटा दिया गया है. सैमुएल से दूतावास के जरिए गलत तरीके से पैसे लेने का आरोप है.
सैमुएल ही अब तक पीड़ित अब्दो परिवार से बातचीत में अहम भूमिका निभा रहा था. सैमुएल फिलहाल यमन में ही मौजूद है. अब्दो परिवार के मुताबिक उसने खून के नाम पर दलाली की है, जिसका उनके पास ठोस सबूत है.
सैमुएल तामिल मूल का है और यमन में ही रहता है. निमिषा के जेल जाने के बाद ही वो इस केस में एक्टिव हो गया. कई बार उसने निमिषा से जेल में मुलाकात की. निमिषा केस में सबसे मुखर वक्ता सैमुएल ही था.
पूरे केस में सैमुएल की अलग ही थ्योरी
सैमुएल ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि पूरा विवाद ग्रांड मुफ्ती की एंट्री के बाद शुरू हुआ है. अबूबकर भारत से ही इस मामले को हैंडल करना चाहते हैं, जिसके कारण केस की स्थित और कमजोर हो गई है.
सैमुएल के मुताबिक ग्राउंड पर कोई एक्शन नहीं दिख रहा है. उन्होंने पूरे मामले में जांच कराने की भी बात कही है. वहीं सैमुएल और इंटरनेशनल काउंसिल के बीच की अदावत ने निमिषा प्रिया की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दी है.
निमिषा प्रिया की जान ब्लड मनी पर बातचीत को लेकर बची है. कहा जा रहा है कि जिस तरीके से सैमुएल केस के जरिए तलाल के परिवार ने निशाना साधा है, उससे आगे की राह और कठिन नजर आ रहा है.
निमिषा प्रिया का पूरा केस क्या है
केरल की नर्स निमिषा प्रिया पर साल 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो की हत्या का आरोप लगा. पुलिस के चार्जशीट के मुताबिक निमिषा ने तलाल को पहले इंजेक्शन देकर मारा और फिर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए.
2020 में निमिषा को पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई. हूती की सर्वोच्च इकाई ने निमिषा को फांसी देने के लिए 16 जुलाई की तारीख भी मुकर्रर की थी, लेकिन ग्रांड मुफ्ती अबूबकर के हस्तक्षेप की वजह से उस वक्त निमिषा की जान बच गई.
यमन कानून के मुताबिक निमिषा की जान तभी बच पाएगी, जब ब्लड मनी को लेकर तलाल परिवार से उसकी बातचीत फाइनल हो जाएगी.