होम नॉलेज अटल बिहारी ने 20 घंटे एक मुद्दे पर रखी थी बात, अब 16 घंटे ऑपरेशन सिंदूर पर होगी डिबेट, जानें कब-कब बने रिकॉर्ड

अटल बिहारी ने 20 घंटे एक मुद्दे पर रखी थी बात, अब 16 घंटे ऑपरेशन सिंदूर पर होगी डिबेट, जानें कब-कब बने रिकॉर्ड

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अगले हफ्ते लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लम्‍बी बहस चलेगी.

संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है. पहलगाम में आतंकी हमला और फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में हंगामा हुआ. इन पर चर्चा की मांग पर विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की. इसके कारण दिन भर में लोकसभा चार बार स्थगित की गई. बाद में सदन को स्थगित करना पड़ा. हालांकि, इस बीच सरकार संसद में ऑपरेशन सिंदूर चर्चा कराने के लिए तैयार हो गई है.

अगले सप्ताह लोकसभा में इस मुद्दे पर 16 घंटे और राज्यसभा में नौ घंटे बहस की जाएगी. आइए जान लेते हैं कि सदन में कब-कब सबसे लंबी बहस का रिकॉर्ड बना और क्या-क्या मुद्दे थे?

1981: बिल पर 16 घंटे 58 मिनट की बहस

यह साल 1981 की बात है. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने सदन में एसेंशियल सर्विस मेंटिनेंस बिल पेश किया था. तब इस बिल पर काफी लंबे समय तक चर्चा की गई थी. इस पर चर्चा में सांसदों ने करीब 16 घंटे 58 मिनट तक का समय लिया था. वास्तव में एसेंशियल सर्विस मेंटिनेंस एक्ट के जरिए केंद्र सरकार को ऐसे अधिकार मिलते थे, जिससे वह कई व्यवसायों में हड़तालों पर रोक लगाने में सक्षम होती. इसके लिए जरूरी था कि केंद्र सरकार संतुष्ट हो कि ऐसा करना जरूरी है.

1993: रेल बजट के कारण 18 घंटे से ज्यादा चली थी बैठक

साल 1993 में केंद्र में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी. केसी लंका रेल मंत्री थे. तब भी रेल बजट के कारण सदन की बैठक काफी लंबी हो गई थी. लोकसभा में रेल बजट पर कई संशोधनों पर चर्चा की गई थी. इसकी वजह से यह बैठक लगभग 18 घंटे 24 मिनट तक चली थी.

Atal Bihari Vajpayee

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी.

1997: 20 घंटे तक चर्चा का बना था रिकॉर्ड

यह साल 1997 की बात है. स्वाधीनता के 50 साल पूरे होने को लेकर संसद की तीन दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी. उस समय इंद्रकुमार गुजराल 13 पार्टी वाले संयुक्त मोर्चा की सरकार के मुखिया थे. तब ऐसा पहली बार हुआ था कि केवल एक प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया था.

लोकसभा में तब विपक्ष के नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी. इस प्रस्ताव को उन्होंने ही पेश किया था. तब उन्होंने इस बैठक को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं के हालात, आर्थिक और बुनियादी ढांचे की स्थिति के लिए संभावना, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में संभावनाओं और उपलब्धियों पर चर्चा की थी. तब यह बैठक 20 घंटे आठ मिनट तक चली थी.

1998: रेल बजट पर भी लंबी चली थी बैठक

जेडीयू के वर्तमान मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 1998 में देश के रेल मंत्री थे. केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार थी. तब उन्होंने जो रेल बजट पेश किया था, उसके कई संशोधनों और प्रावधानों पर लंबी चर्चा और बहस सांसदों ने की थी. इसके कारण यह बैठक काफी लंबी खिंच गई थी. तब यह करीब 18 घंटे 4 मिनट तक चली थी.

Nitish Kumar

नीतीश कुमार

2002: गोधरा दंगों के वक्त भी खूब हुआ था हंगामा

साल 2002 में गुजरात के गोधरा में दंगों के समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार थी. तब लोकसभा में एक लंबी चर्चा हुई थी. इसका मुद्दा 2002 के दंगों के बाद देश के कई हिस्सों में और विशेष रूप से गुजरात में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा नहीं कर पाने पर चिंता जताई गई थी. इस मामले में प्रशासन की विफलता को लेकर प्रस्ताव पर बहस हुई थी. तब इस चर्चा की शुरुआत सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने की थी. उन्होंने अपनी चर्चा में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों में विश्वास बहाल करने के साथ ही उन्हें सुरक्षा देने के लिए यह सदन सरकार से कदम उठाने का आग्रह करता है.

इसके जवाब में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि मुझ पर आरोप लगता है कि मैं इस्लामी कट्टरता की आलोचना करता हूं पर हिंदू कट्टरवाद की आलोचना नहीं करता. हालांकि, विपक्ष का प्रस्ताव तब अस्वीकार कर दिया गया था. तब प्रस्ताव के पक्ष में 182 वोट पड़े थे, जबकि विपक्ष में 276 मत पड़े. तब लोकसभा की कार्यवाही लगभग 17 घंटे 25 मिनट तक चली थी.

Waqf Umeed Portal

2025: राज्यसभा में वक्फ बिल पर 15 घंटे से ज्यादा का रिकॉर्ड

संसद ने चार अप्रैल 2025 को वक्फ (संशोधन) बिल-2025 पास किया था. लोकसभा व राज्यसभा दोनों सदनों से बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से यह कानून भी बन चुका है. इससे पहले वक्फ बिल को लेकर लोकसभा में 15 घंटे 41 मिनट तक कार्यवाही चली थी. हालांकि, इसमें प्रश्नकाल के साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर भी चर्चा शामिल थी पर सदन ने केवल वक्फ बिल पर ही 12 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा की थी. राज्यसभा में भी वक्फ बिल पर 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक चर्चा हुई थी. तब राज्यसभा ने लगातार चर्चा का रिकॉर्ड बना डाला था. उच्च सदन में कुल 17 घंटे 2 मिनट तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई थी.

यह चर्चा तीन अप्रैल को सुबह 11 बजे शुरू हुई थी और चार अप्रैल को तड़के 4:02 बजे समाप्त हुई थी. संसद के रिकॉर्ड के अनुसार, राज्यसभा में यह सबसे लंबी बैठक थी. इससे पहले 17 सितंबर 1981 को राज्यसभा की सबसे लंबी बैठक हुई थी.

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