अमेरिका समेत पूरी दुनिया की निंदा के बावजूद इजराइल के चौतरफा हमले जारी है. इजराइल गाजा, लेबनान, और सीरिया पर हमले कर रहा है. लेकिन उसके लिए सबसे बड़ा खतरा ईरान के बाद हूती रहे हैं, जिन्होंने लाल सागर में उसके एलिट पोर्ट को करीब-करीब ठप कर दिया है. अब इजराइल अमेरिका की मदद के बिना ही हूतियों पर हमले कर रहा है.
इजराइली मीडिया ने सोमवार को बताया कि इजराइली वायु सेना ने यमन में हवाई हमलों की एक सिरीज शुरू कर दी है, जिसमें रणनीतिक होदेइदाह क्षेत्र सहित देश के पश्चिमी तट को निशाना बनाया गया है. इस हमले ने में नई बात ये है कि इस बार इजराइल ने ये हमले निकासी की कोई पूर्व चेतावनी दिए बिना किए हैं. एक इजराइली मीडिया ने टिप्पणी की कि मामले की बस एक झलक थी, जिससे पता चलता है कि बहुत कम पूर्व सूचना दी गई थी.
गाजा से समर्थन में हूती के हमलों की शुरुआत के बाद से यह यमन पर इजराइल का 12वां आक्रमण है, जिससे माना जा रहा है कि इजराइल हिजबुल्लाह की तरह हूतियों के खतरों को भी जड़ से खत्म करना चाह रहा है.
यमन के एयर डिफेंस ने हमलों को रोकने की कोशिश
यमन के एयर डिफेंस ने इजराइल के हमलों को रोकने की कोशिश की, हालांकि इस बार उनको कितनी कामयाबी मिली इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है. 7 जुलाई को यमनी वायु सेना ने होदेइदाह, सालिफ़ और रास ईसा में प्रमुख बंदरगाह सुविधाओं को निशाना बनाकर किए गए एक बड़े इजराइली हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया था.
लेबनानी न्यूज अल मायादीन से बात करने वाले सैन्य सूत्रों के मुताबिक, यमनी सेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइले दांगी, जिसने आने वाले इजराइली विमानों की पहली सिरीज को बाधित कर दिया. परिणामस्वरूप, 10 इजराइली युद्धक विमानों को अपना मिशन पूरा करने से पहले ही यमनी हवाई क्षेत्र से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इजराइल ने बदली में अपनी रणनीति
यमन हूतियों को रोकने में नाकामयाब होने के बाद इजराइल ने अपनी नीति में बदलाव किया है. इजराइली मीडिया भी इस परिचालन रणनीति में बदलावों को उजागर कर रही है, जिसमें हाल ही में अरबी निकासी चेतावनियों को छोड़ने का निर्णय शामिल है, जो कभी मानक अभ्यास था, जो मनोवैज्ञानिक और प्रचार रणनीतियों दोनों में बदलाव का संकेत देता है.