होम बिज़नेस Anil ambani company reliance com share huge down SBI classifies RCom its promoter as fraud ₹792 से टूटकर ₹1 पर आ गया यह शेयर, अब अनिल अंबानी समेत कंपनी पर एक नया संकट, Business Hindi News

Anil ambani company reliance com share huge down SBI classifies RCom its promoter as fraud ₹792 से टूटकर ₹1 पर आ गया यह शेयर, अब अनिल अंबानी समेत कंपनी पर एक नया संकट, Business Hindi News

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भारतीय स्टेट बैंक ने प्रमोटर निदेशक अनिल अंबानी सहित रिलायंस कम्युनिकेशंस को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया है और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है। कंपनी के शेयरों में आज करीबन सप्ताहभर बाद दोबारा ट्रेडिंग हुई और 5% का लोअर सर्किट लग गया।

Anil Ambani Company: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस पर एक और नया संकट आ गया है। दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने प्रमोटर निदेशक अनिल डी. अंबानी सहित रिलायंस कम्युनिकेशंस को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया है और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है। सोमवार को संसद को सूचित किया गया। इधर, कंपनी के शेयरों में आज करीबन सप्ताहभर बाद दोबारा ट्रेडिंग हुई और इसमें 5% का लोअर सर्किट लग गया। यह शेयर 1.39 रुपये पर आ गया था। बता दें कि दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनी के शेयर लंबी अवधि में निवेशकों का तगड़ा नुकसान कराया है। 11 जनवरी 2008 में यह शेयर 792 रुपये के भाव पर था।

क्या है डिटेल

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि इन संस्थाओं को 13 जून, 2025 को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जो कि आरबीआई के धोखाधड़ी रिस्क मैनेजमेंट पर मास्टर निर्देशों और बैंक के बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट पॉलिसी के अनुसार है। उन्होंने कहा, “24 जून, 2025 को, बैंक ने आरबीआई को धोखाधड़ी के वर्गीकरण की सूचना दी और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में भी है।”

इसके अलावा, 1 जुलाई, 2025 को डिस्क्लोजर कंप्लायंस के भाग के रूप में, आरकॉम के समाधान पेशेवर ने बैंक द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण के बारे में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया। उन्होंने बताया कि आरकॉम में एसबीआई के ऋण जोखिम में 2,227.64 करोड़ रुपये की निधि-आधारित मूल बकाया राशि, 26 अगस्त, 2016 से अर्जित ब्याज और व्यय और 786.52 करोड़ रुपये की गैर-निधि आधारित बैंक गारंटी शामिल है।

क्या है मामला

आरकॉम दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। समाधान योजना को लेनदारों की समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था और 6 मार्च, 2020 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई में दायर किया गया था और एनसीएलटी की मंजूरी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि बैंक ने अनिल डी. अंबानी के खिलाफ आईबीसी के तहत व्यक्तिगत दिवाला समाधान प्रक्रिया भी शुरू की है और इस पर एनसीएलटी, मुंबई में सुनवाई चल रही है। बैंक ने इससे पहले 10 नवंबर, 2020 को खाते और प्रमोटर अनिल अंबानी को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया था और 5 जनवरी, 2021 को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 6 जनवरी, 2021 को जारी ‘यथास्थिति’ आदेश के मद्देनजर शिकायत वापस कर दी गई थी। इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक एवं अन्य बनाम राजेश अग्रवाल एवं अन्य मामले में 27 मार्च, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में यह अनिवार्य किया गया कि लेंडर उधारकर्ताओं को उनके खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि तदनुसार, बैंक ने 2 सितंबर, 2023 को खाते में धोखाधड़ी के वर्गीकरण को उलट दिया। धोखाधड़ी वर्गीकरण प्रक्रिया को फिर से चलाया गया और 15 जुलाई, 2024 के आरबीआई सर्कुलर के अनुसार उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद खाते को फिर से ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया।

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