होम देश Udaipur Files stay Continues Supreme Court Adjourns Hearing Panel seeks changes on Religious Dialogues ‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक जारी, फिल्म से हटेंगे नूतन शर्मा के डायलॉग, क्या-क्या करने होंगे बदलाव, India News in Hindi

Udaipur Files stay Continues Supreme Court Adjourns Hearing Panel seeks changes on Religious Dialogues ‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक जारी, फिल्म से हटेंगे नूतन शर्मा के डायलॉग, क्या-क्या करने होंगे बदलाव, India News in Hindi

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फिल्म उदयपुर फाइल्स पर रोक जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 25 जुलाई के लिए टाल दी है। वहीं, केंद्र द्वारा नियुक्त समिति ने धार्मिक संवादों पर आपत्ति जताई है। पैनल ने नूतन शर्मा का नाम और डायलॉग बदलने की सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए टाल दी। यह फिल्म राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैयालाल तेली की हत्या पर आधारित है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने यह फैसला तब लिया जब केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने फिल्म को लेकर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी। जिसमें पैनल से धार्मिक संवादों पर आपत्ति जताई है।

कोर्ट ने अंतरिम रूप से फिल्म पर स्टे को बरकरार रखते हुए कहा कि सभी पक्ष गुरुवार तक इस रिपोर्ट पर अपनी आपत्तियां दाखिल करें।

नूतन शर्मा का नाम, डायलॉग भी हटेगा

बार एंड बेंच में छपि खबर के मुताबिक, समिति ने ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म में कई अहम बदलाव सुझाए हैं, जिन्हें सरकार ने स्वीकार भी कर लिया है। समिति ने निर्देश दिया है कि मौजूदा डिस्क्लेमर को नए डिस्क्लेमर से बदला जाए और उसमें वॉयस-ओवर भी जोड़ा जाए। फिल्म के क्रेडिट्स में जिन लोगों को धन्यवाद दिया गया है, उन फ्रेम्स को हटाने को कहा गया है।

साथ ही सऊदी अरब स्टाइल की पगड़ी दिखाने वाला AI से बना सीन हटाने और फिल्म व पोस्टर में जहां-जहां “नूतन शर्मा” नाम है, उसे बदलने का सुझाव दिया गया है। नूतन शर्मा का डायलॉग—”…मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है…” को भी हटाने का निर्देश है। इसके अलावा, हाफिज का डायलॉग- “…बलूची कभी वफादार नहीं होता…” और मकबूल का यह कहना- “…बलूची की…” तथा “…अरे क्या बलूची क्या अफगानी क्या हिंदुस्तानी क्या पाकिस्तानी…”को भी फिल्म से हटाने को कहा गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि निर्माता ये सभी बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू करें।

फिल्म को दो याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म को लेकर दो अहम याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। पहली याचिका फिल्म के निर्माताओं ने दाखिल की है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाई गई थी। दूसरी याचिका कन्हैयालाल मर्डर केस में शामिल एक आरोपी ने दायर की है। उसका दावा है कि अगर फिल्म रिलीज़ होती है तो इससे उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

दिल्ली हाई कोर्ट में क्या हुआ था

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई थी और केंद्र सरकार को सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत फिल्म की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के समक्ष जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दाखिल याचिका भी शामिल थी, जिसमें मुस्लिमों को बदनाम करने के आरोप में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। फिल्म 11 जुलाई को रिलीज़ होनी थी।

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फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने हाई कोर्ट को बताया कि फिल्म के आपत्तिजनक हिस्से हटा दिए गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (मदनी की ओर से) और ASG चेतन शर्मा (CBFC की ओर से) के लिए फिल्म और उसका ट्रेलर विशेष रूप से दिखाया जाए। स्क्रीनिंग के अगले ही दिन सिब्बल ने हाई कोर्ट से कहा, “यह देश के लिए ठीक नहीं है। यह कला नहीं, सिनेमाई तोड़फोड़ है।” इसके बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से फिल्म की समीक्षा करने के लिए कहा। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति ने 17 जुलाई को फिल्म देखी और 16 जुलाई को सभी पक्षों को सुना।

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