HDFC बैंक के शेयरों में 2% से भी ज्यादा की बढ़त देखी गई। यह उछाल बैंक द्वारा सप्ताहांत में जारी किए गए पहली तिमाही (Q1) के नतीजों, डिविडेंड और बोनस शेयरों के ऐलान के बाद आई। बैंक ने 30 जून 2025 को समाप्त हुई तिमाही में अपनी नेट रेवेन्यू 53,170 करोड़ रुपये बताई
HDFC बैंक के शेयर की कीमत में सोमवार, 21 जुलाई 2025 की सुबह 2% से भी ज्यादा की बढ़त देखी गई। यह उछाल बैंक द्वारा सप्ताहांत में जारी किए गए पहली तिमाही (Q1) के नतीजों, डिविडेंड और बोनस शेयरों के ऐलान के बाद आई। बैंक ने 30 जून 2025 को समाप्त हुई तिमाही में अपनी नेट रेवेन्यू 53,170 करोड़ रुपये बताई, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 40,510 करोड़ रुपये के मुकाबले 31% ज्यादा है।
हालांकि, इस आमदनी में बैंक की सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ से मिले लेनदेन के लाभ (9,130 करोड़ रुपये) का भी योगदान रहा। असली मुनाफा (नेट प्रॉफिट) लगभग 18,160 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 12% बढ़ा है और विश्लेषकों के अनुमानों से भी बेहतर है।
क्यों अच्छे रहे नतीजे?
विश्लेषकों, जैसे कि जेफरीज इंडिया के मुताबिक, इस बेहतर प्रदर्शन के पीछे कुछ मुख्य वजहें थीं। कर्ज (लोन) में अच्छी बढ़त, जमा राशि (डिपॉजिट) में भी मजबूत वृद्धि, ब्याज मार्जिन (नेट इंटरेस्ट मार्जिन या NIM) में गिरावट कम होना और संपत्ति की गुणवत्ता (एसेट क्वालिटी) स्थिर रहना। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी इसे एक “स्टेबल” तिमाही बताया है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
जेफरीज इंडिया ने टार्गेट प्राइस 2,400 रुपये किया
इनकी नजर में HDFC बैंक बैंकिंग क्षेत्र में उनकी सबसे पसंदीदा कंपनियों (टॉप पिक) में शामिल है। हाल ही में रेपो रेट और जमा दरों में कटौती के असर को देखते हुए उन्होंने वित्त वर्ष 2026-27 के अपने अनुमान थोड़े घटाए हैं। उन्हें अगली तिमाही (Q2) में ब्याज मार्जिन (NIM) पर और दबाव की उम्मीद है, लेकिन उसके बाद सुधार आने की संभावना है। उन्होंने अपनी ‘खरीदें’ (BUY) की सिफारिश बरकरार रखी है और शेयर का टार्गेट प्राइस बढ़ाकर 2,400 रुपये प्रति शेयर कर दिया है (पहले 2,340 रुपये था)।
मोतीलाल ओसवाल ने खरीदारी की सिफारिश की
इनका कहना है कि टैक्स में छूट (टैक्स रिवर्सल) की वजह से मुनाफा अनुमान से थोड़ा बेहतर रहा। ब्याज मार्जिन (NIM) पिछली तिमाही के मुकाबले 0.11% (11 बेसिस पॉइंट्स) घटा है, और दरों में कटौती के असर से अगली तिमाही में यह और घट सकता है।
बैंक कर्ज-जमा अनुपात (क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो या C/D) को कम करने की रणनीति पर चल रहा है, लेकिन उसने आगे कर्ज वृद्धि बढ़ाने का संकेत दिया है।
महंगे कर्ज (हाई-कॉस्ट बॉरोइंग) को धीरे-धीरे कम करने, परिचालन दक्षता (ऑपरेटिंग लेवरेज) में सुधार और प्रोविजन बफर की वजह से आने वाले सालों में रिटर्न अच्छा रहने की उम्मीद है। उन्होंने भी अपनी ‘खरीदें’ (BUY) की सिफारिश जारी रखी है और शेयर का टार्गेट प्राइस 2,300 रुपये रखा है।
भविष्य की राह
दोनों ही प्रमुख विश्लेषक फर्में HDFC बैंक के प्रदर्शन से खुश हैं और शेयरधारकों को इसे खरीदने या रखने की सलाह दे रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि अल्पकालिक दबावों (जैसे NIM में गिरावट) के बावजूद, बैंक लंबे समय में मजबूत रिटर्न देने की क्षमता रखता है। बोनस शेयरों और डिविडेंड की घोषणा ने भी निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया है।