भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, ‘संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष जिस पर चर्चा चाहता है, हम तैयार हैं। किस विषय पर क्या बोलना है और किसको बोलना है, वो सरकार तय करती है। लोकसभा का काम है अच्छे से चर्चा कराना और बिल पास कराना।’
संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। इससे पहले ही, कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुट गई है। सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘पीएम मोदी को देश के प्रति यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए कि वे पहलगाम-ऑपरेशन सिंदूर-राष्ट्रपति ट्रंप के मुद्दे पर चर्चा के दौरान संसद में मौजूद रहें।’ उन्होंने मोदी की इस हफ्ते विदेश यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि 48 घंटे बाद सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर एक और विदेश यात्रा शुरू करेंगे। इस तरह मणिपुर के लोगों को निराशा का और कारण मिलेगा।
पीएम मोदी बुधवार से यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना इसका मकसद बताया जा रहा है। मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले एक्स पर पोस्ट करके जयराम रमेश ने कहा, ‘जल्द ही सजे-धजे प्रधानमंत्री संसद भवन के बाहर मीडिया के जरिए अपना हमेशा वाला ‘देश के नाम संदेश’ देंगे। यह उनके सामान्य बड़े-बड़े दावों और पाखंड से भरा होगा।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में बहुत, बहुत, बहुत कम मौजूद रहते हैं। वे साल में एक बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हैं। लेकिन, इस बार उन्हें देश के प्रति यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए कि वे पहलगाम-ऑपरेशन सिंदूर-राष्ट्रपति ट्रंप मुद्दे पर चर्चा होने के दौरान मौजूद रहें।
पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर स्थगन प्रस्ताव
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में पहलगाम में आतंकवादी हमले के चलते गंभीर सुरक्षा चूक और ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश नीति पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘चूंकि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जाएंगे, हम चाहते हैं कि पीएम आज सदन में आएं और पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम पर चर्चा होनी चाहिए।’ वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पहलगाम के बाद ये पहला सत्र है। बार-बार विशेष सत्र की मांग होती रही लेकिन नहीं हुआ। इस मॉनसून सत्र में जो पहलगाम में इंटेलिजेंस फेलियर हुआ, वो आतंकवादी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए हैं? ये गंभीर मुद्दा है कि 26 लोगों की जान चली जाती है और जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में कमी आती है। हम इन मुद्दों को उठाएंगे।