रिलायंस ने इस तिमाही रिकॉर्ड मुनाफा दिखाया, लेकिन यह मुनाफा कुछ खास वजहों (शेयर बिक्री, कम खर्च) से आया। कंपनी के दो मुख्य व्यवसायों, रिटेल और तेल-रसायन (O2C) का प्रदर्शन विश्लेषकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, जिसके कारण शेयर की कीमत में गिरावट आई।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सोमवार को मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयरों में 2.7% की गिरावट आई। शेयर ₹1,436.85 पर आ गया। यह गिरावट तब हुई जबकि शुक्रवार को कंपनी ने पिछली तिमाही (Q1) के अपने सबसे ज्यादा मुनाफे और EBITDA (कमाई) के आंकड़े घोषित किए थे।
रिकॉर्ड मुनाफा, पर क्यों गिरे शेयर?
दिखावे का मुनाफा: इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक कंपनी ने ₹30,783 करोड़ का मुनाफा दिखाया, जो रिकॉर्ड है, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा (₹8,924 करोड़) एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने से आया था। साथ ही, ब्याज और टैक्स का खर्च भी अनुमान से कम आया।
असली परेशानी: कई बड़ी ब्रोकरेज कंपनियों (जेफरीज, एमके, मोतीलाल ओसवाल आदि) का कहना है कि रिलायंस के मुख्य व्यवसायों (रिटेल और तेल-रसायन/O2C) के प्रदर्शन ने उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। असल कमाई (EBITDA) अनुमान से कम रही।
कहां कमजोर रही रिलायंस?
1. रिलायंस रिटेल (बड़ी निराशा): जेफरीज के अनुसार, रिटेल की असली कमाई (EBITDA) उनके अनुमान से 4% कम रही। सालाना वृद्धि सिर्फ 8% रही। एमके ने कहा कि रिटेल EBITDA अनुमान से 5% कम रहा। मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि रिटेल की कमाई उनके अनुमान से लगभग 7% कम रही। बिक्री में वृद्धि (11%) भी उम्मीद (16%) से कम रही।
क्यों कमजोर रही? जेफरीज के मुताबिक, मॉनसून जल्दी आने से इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री धीमी रही। साथ ही, नए स्टोर खोलने की योजना भी पीछे रह गई।
2. तेल-रसायन व्यवसाय (O2C-पारंपरिक मजबूत हिस्सा): जेफरीज ने कहा कि O2C की कमाई उनके अनुमान से 5% कम रही। एमके ने बताया कि O2C EBITDA अनुमान से 6% कम रहा। मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, O2C कमाई अनुमान से 8% पीछे रही।
क्यों कमजोर रहा? नुवामा के मुताबिक, रिफाइनरी में कुछ समय के लिए रुकावट (प्लान्ड शटडाउन) के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि, भविष्य के लिए नजारा सकारात्मक बताया गया।
कहां चमकी रिलायंस?
रिलायंस जियो (टेलीकॉम): यह इस तिमाही रिलायंस का सबसे चमकता हिस्सा रहा। मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि जियो की कमाई (EBITDA) अनुमान से 2% बेहतर रही और पिछली तिमाही की तुलना में 5% बढ़ी। एमके के अनुसार, जियो ने 99 लाख नए ग्राहक जोड़े, जो अनुमान से बेहतर था। प्रति ग्राहक औसत आय (ARPU) भी बढ़कर ₹208.8 हुई।
आशा की किरणें
रिलायंस प्रबंधन ने घोषणा की है कि वह 2029 तक पूरे समूह की कमाई (EBITDA) दोगुनी करने का लक्ष्य रखता है। जियो और रिटेल की कमाई को 3-4 साल में दोगुना करने का लक्ष्य दोहराया गया।
न्यू एनर्जी पर उम्मीदें: नुवामा ने इसे “आने वाले दशकों का सबसे बड़ा विकास इंजन” बताया। उनका अनुमान है कि अगले 4-6 तिमाहियों में यह व्यवसाय पूरी तरह शुरू हो जाएगा।
एमके ने भी यही समयसीमा बताई और कहा कि यह जल्द ही खुद से चलने वाला व्यवसाय बन जाएगा। प्रभुदास लिलाधर ने तो न्यू एनर्जी व्यवसाय का अलग से मूल्य (₹111 प्रति शेयर) भी आंका और शेयर को ‘होल्ड’ से ‘एक्यूमुलेट’ (जमा करें) की सलाह में बदल दिया।
गिरावट के बावजूद ‘खरीदें’
ज्यादा तर बड़ी ब्रोकरेज कंपनियों ने रिलायंस शेयर पर अपनी ‘खरीदें’ (Buy) या ‘ओवरवेट’ (Overweight) की रेटिंग बरकरार रखी है, हालांकि कुछ ने लक्ष्य मूल्य (Target Price) थोड़ा घटाया है। उनका मानना है कि भविष्य में वृद्धि होगी।
किसने कितना रखा टार्गेट प्राइस
जेफरीज: खरीदें, टार्गेट प्राइस ₹1,726
एमके: खरीदें, टार्गेट प्राइस ₹1,600
नुवामा: खरीदें, टार्गेट प्राइस ₹1,767
मोतीलाल ओसवाल: खरीदें, टार्गेट प्राइस ₹1,700
जेपी मॉर्गन: ओवरवेट, टार्गेट प्राइस ₹1,695 (बढ़ाया)
मैक्वेरी: आउटपरफॉर्म (बेहतर प्रदर्शन), टार्गेट प्राइस ₹1,500 (इन्होंने आगाह किया कि नतीजों के बाद शेयर में थोड़ी गिरावट आ सकती है)
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)