संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान के पर निकलने लगे हैं। इसका फायदा उठाकर एक तरफ पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी इमेज चमकाने की कोशिश में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ भारत विरोध के लिए पैंतरे भी लाने लगा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान के पर निकलने लगे हैं। इसका फायदा उठाकर एक तरफ पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी इमेज चमकाने की कोशिश में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ भारत विरोध के लिए पैंतरे भी लाने लगा है। इसी कोशिश के तहत वह कश्मीर मुद्दे को नए सिरे से उठाने की तैयारी में है। इसके अलावा मुस्लिम देशों के संगठन को भी संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आगे बढ़ा रहा है। जानकारी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने को लेकर होने वाली बैठक है। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान इस खुली बहस के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठा सकता है। ऐसे में भारत भी जवाबी बयान देने से पीछे नहीं हटने वाला है।
कश्मीर पर सवाल उठाने की तैयारी
पाकिस्तान फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। इस हफ्ते पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय ओपन डिबेट होने वाली है। इस डिबेट में अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा होगी। इस दौरान पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा भी उठाएगा। गौरतलब है कि एक जुलाई को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने बयान जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वक्त आ गया है कि कश्मीर विवाद का हल ढूंढ जाए। मैं तो यही कहूंगा कि यह सिर्फ पाकिस्तान की जिम्मेदारी नहीं है। हम तो यहां पर अस्थायी तौर पर दो साल के लिए अध्यक्ष हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह स्थायी सदस्यों की जिम्मेदारी है।
क्या है दूसरी मुहिम
इसके अलावा पाकिस्तान एक दूसरी मुहिम में भी लगा हुआ है। इसके तहत वह इस्लामिक सहयोग संगठन को संयुक्त राष्ट्र में मजबूत करना चाहता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार की अध्यक्षता में होने वाली एक अन्य बैठक में इस्लामिक सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र की साझेदारी पर बैठक होगी। ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) को 1969 में बनाया गया था। इसमें पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया से कुल 57 सदस्य देश हैं। यह ग्रुप भी कश्मीर को लेकर लगातार जहर उगलता रहा है। खासतौर पर 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद ओआईसी लगातार भारत पर सवाल उठा रहा है।
भारत पक्ष में नहीं
हालांकि भारत ओआईसी और संयुक्त राष्ट्र के बीच साझेदारी पर सहज नहीं है। इसकी वजह, ओआईसी का पूर्व में भारत को लेकर रवैया है। माना जा रहा है कि सुरक्षा परिषद में भारत इस बात को उठाएगा। नवंबर 2024 में यूएन जनरल असेंबली ने ओआईसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवाधिकार, आतंकरोधी और मानवीय मुद्दों को लेकर शपथ ली थी। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर 8 के तहत संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों से साझेदारी कर सकता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अफ्रीकन यूनियन के साथ साझेदारी है, जिसके तहत अफ्रीका में शांति स्थापित करने में सहयोग मिल रहा है।