रूसी राष्ट्रपति पुतिन. (फाइल फोटो)
रूस ने रविवार को कहा कि वह यूक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार है, लेकिन अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना उसकी प्राथमिकता है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने बार-बार यूक्रेन से बातचीत को जल्द से जल्द शांतिपूर्ण निष्कर्ष पर पहुंचाने की अपनी इच्छा व्यक्त की है. यह एक लंबी प्रक्रिया है, इसके लिए प्रयास की आवश्यकता है, और यह आसान नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए मुख्य बात अपने लक्ष्यों को हासिल करना है. हमारे लक्ष्य साफ हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मास्को को युद्धविराम पर सहमत होने या कड़े प्रतिबंधों का सामना करने के लिए 50 दिन की समय सीमा दिए जाने के कुछ दिन बाद दिया है.
क्या है रूस की शर्त?
क्रेमलिन ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी शांति समझौते में यूक्रेन को उन चार क्षेत्रों से हटना चाहिए, जिन्हें रूस ने सितंबर 2022 में अपने अधीन कर लिया था, लेकिन कभी भी पूरी तरह से कब्जा नहीं किया. रूस यह भी चाहता है कि यूक्रेन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल होने के अपने प्रयास को छोड़ दे तथा अपने सशस्त्र बलों के लिए उसके द्वारा तय हदें स्वीकार कर ले.
यूक्रेन ने किया इनकार
हालांकि, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने इसे अस्वीकार कर दिया है. इस बीच, रूस ने यूक्रेन के शहरों पर अपने लंबी दूरी के हमलों को तेज करना जारी रखा है. विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले दिनों में रूस की बमबारी बढ़ने की आशंका है.
14 जुलाई को राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को धमकी दी थी कि अगर 50 दिन में शांति समझौता नहीं होता तो अमेरिका उस पर भारी टैरिफ लगाएगा. ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन को हथियार भेजने की प्रक्रिया को फिर से तेज करेगा. इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जिनमें कुछ कैदियों की अदला-बदली तो हुई, लेकिन सीजफायर पर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई.
व्यापारिक साझेदारों को निशाना
बता दें कि ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस नहीं मानेगा, तो अमेरिका रूस के व्यापारिक साझेदारों को निशाना बनाकर उसे वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर देगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि यूरोपीय देश अब अमेरिका से अरबों डॉलर के हथियार खरीदेंगे, जिन्हें यूक्रेन भेजा जाएगा, ताकि वहां के हथियार भंडार को फिर से भरा जा सके. इस योजना में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल है, जिसकी यूक्रेन को सबसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि वह रूसी ड्रोन और मिसाइल हमलों से जूझ रहा है.