2013 में ड्रीमलाइनर विमानों को APU बैटरी की खामी के कारण अस्थायी रूप से ग्राउंडेड किया गया था। FAA द्वारा नए डिजाइन को मंज़ूरी देने के बाद इन्हें दोबारा उड़ान में शामिल किया गया था। AI-171 भी उसी वर्ष सेवा में शामिल हुआ था।
12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुई एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की जांच में अब कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। बोइंग ड्रीमलाइनर विमान के मलबे की जांच कर रही टीम को विमान के पिछले हिस्से पूंछ (टेल सेक्शन) में सीमित इलेक्ट्रिक आग के संकेत मिले हैं। पूंछ के हिस्से को विमान दुर्घटना और ईंधन विस्फोट से अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ। इसमें कुछ इलेक्ट्रिक पार्ट्स में सीमित आग लगी, जिससे संकेत मिलता है कि उड़ान के दौरान बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में जांच अधिकारियों के हवाले से कहा है कि टेल सेक्शन से बरामद किए गए सामनों को अहमदाबाद में सुरक्षित रखा गया है और इन्हीं के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि बिजली प्रणाली में कौन-सी तकनीकी गड़बड़ी हुई थी।
दो ब्लैक बॉक्स, एक जलकर हुआ बर्बाद
विमान का पिछला ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से मिला था लेकिन उसमें थर्मल डैमेज इतना ज़्यादा था कि डेटा निकालना संभव नहीं हुआ। जबकि आगे वाला ब्लैक बॉक्स 16 जून को मलबे से बरामद हुआ और उसमें से 49 घंटे की उड़ान जानकारी और 6 उड़ानों का डेटा, साथ ही क्रैश के दो घंटे पहले की ऑडियो रिकॉर्डिंग निकाली जा सकी।
हादसे से पहले AI-423 (दिल्ली से अहमदाबाद) उड़ान के दौरान STAB POS XDCR (Stabilizer Position Transducer) में गड़बड़ी दर्ज की गई थी, जिसे अहमदाबाद में मेंटेनेंस टीम ने ठीक कर दिया था। लेकिन हादसे के समय यही कंपोनेंट विमान के टेल सेक्शन में स्थित था, जो अब जांच का केंद्र बना है।
आपको बता दें कि विमान का Auxiliary Power Unit (APU) भी टेल सेक्शन में स्थित होता है, जिसे सुरक्षित और साबुत अवस्था में पाया गया है। APU का उपयोग इंजन स्टार्ट करने और फ्लाइट के दौरान बैकअप पावर देने के लिए होता है। हादसे के समय APU ऑटो-स्टार्ट मोड में सक्रिय हुआ था, जिससे संकेत मिलता है कि शायद मुख्य बिजली प्रणाली फेल हो गई थी।
एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की गवाही
हादसे में बचे इकलौते यात्री विश्वाशकुमार रमेश ने बताया कि केबिन की लाइट बार-बार जा रही थी, जो बिजली सप्लाई में खराबी की ओर संकेत करता है।
क्रैश के बाद भी जली नहीं पूरी टेल
क्रैश के 72 घंटे बाद टेल सेक्शन से एक फ्लाइट अटेंडेंट का शव बरामद किया गया। वह आग में नहीं जली थीं, बल्कि सीट बेल्ट में जकड़े होने और टक्कर के प्रभाव से उनकी मौत हुई थी। उनकी पहचान साड़ी के बचे टुकड़ों से की गई, जबकि शरीर ज्यादा समय बीतने और अग्निशमन रसायनों के कारण बुरी तरह सड़ चुका था। ब्लैक बॉक्स डेटा से पता चला कि दोनों इंजन में कुछ सेकंड में ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी।
आपको बता दें कि 2013 में ड्रीमलाइनर विमानों को APU बैटरी की खामी के कारण अस्थायी रूप से ग्राउंडेड किया गया था। FAA द्वारा नए डिजाइन को मंज़ूरी देने के बाद इन्हें दोबारा उड़ान में शामिल किया गया था। AI-171 भी उसी वर्ष सेवा में शामिल हुआ था।