सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा लापता हैं, कहा जा रहा है कि वह परिवार के साथ दमिश्क छोड़कर भाग चुके हैं, उनके इदलिब शहर में जाने की चर्चा है, ये वही शहर है जो सीरिया के गृहयुद्ध का केंद्र रहा है और उसी विद्रोही संगठन का HTS का गढ़ है, अल शरा जिसके प्रमुख रह चुके हैं. खास बात ये है कि ये शहर तुर्की सीमा से भी नजदीक है, माना जा रहा है कि इदलिब में अगर हालात बेकाबू होते हैं या उससे पहले भी अल शरा तुर्की भाग सकते हैं.
इजराइल ने सीरिया पर ताबड़तोड़ हमले जारी रहे हैं, ड्रूज समुदाय और बेदौइन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद इजराइल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. इन झड़पों में तकरीबन 300 लोगों के मारे जाने की संभावना है. इजराइल ने जब दमिश्क पर हमले किए तो एक ड्रोन राष्ट्रपति के महल के पास भी गिरा था, माना जा रहा है कि इसीलिए अल शरा जान बचाकर भागे हैं. अल मायादीन अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि अल शरा इदलिब शहर भागे हैं, जहां उसे बेहद खास रिश्ता है.
इदलिब के बारे में जानें
इदलिब शहर पश्चिम सीरिया में अलेप्पो और लताकिया के बीच स्थित है. इस शहर से तुर्की की सीमा महज 20 से 30 किमी दूर है. अगर दमिश्क से इसकी दूरी की बात की जाए तो यह तकरीबन 300 से 320 किमी है. खास बात ये है कि ये वही शहर है जो पूर्ववर्ती असद सरकार के नियंत्रण में नहीं था.यहां तुर्की समर्थित विद्रोही समूह हयात तहरीर अल शाम यानी HTS का नियंत्रण है.सीरिया जिस गृहयुद्ध से बरसों तक जूझा उसकी चिंगारी इसी शहर से निकली थी.
HTS के प्रमुख रहे हैं अहमद अल शरा
सीरिया के राष्ट्रपति असद सरकार को हटाकर देश की सत्ता पर काबिज हुए हैं, इससे पहले अल शहरा जिहादी गुट HTS के नेता थे. अहमद अल शरा को मोहम्मद अल जुलानी नाम से भी जाना जाता है, वह जिस HTS के नेता हैं पहले वह अलकायदा से जुड़ा था, बाद में उससे अलग हो गया. ये संगठन इदलिब और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रभावशाली है. इस संगठन को UN, US और कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. हालांकि असद सरकार के पतन के बाद अल शरा ने खुद राजनीतिक नेता के तौर पर प्रस्तुत करना शुरू कर दिया था. CNN और PBS को दिए इंटरव्यू में उसने कहा था कि HTS अब भ्रष्टाचार विरोध और स्थिरता की बात करता है.
इदलिब में ही है अल शरा की असली ताकत
अल शरा की असली ताकत इदलिब में ही है, यहां HTS बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है, यही अब राजनीतिक, सैन्य और प्रशासनिक केंद्र बन गया है. यहां का 80% हिस्सा HTS के नियंत्रण में है. तुर्की को इस संगठन का सीधा समर्थन नहीं है, मगर यहां पर तुर्की ने कई सैन्य चौकियां बना रखी हैं. असद सरकार में भी यहां पर HTS का शासन था. इसमें शिक्षा मंत्रालय, न्याय प्रणाली, पुलिस बल, मीडिया सेंटर और अन्य नागरिक सेवाएं HTS ही नियंत्रित करता था.
हथियारों में भी आगे है HTS
HTS के पास हजारों लड़ाकों की फोर्स है, HTS से पहले ये अल नुसरा फ्रंट के लिए लड़ते थे. इदलिब में इनके पास रॉकेट लॉन्चर, एंटी टैंक हथियार, आत्मघाती दस्ते और भारी मात्रा में हथियार हैं. असद सरकार के समय भी यह शहर HTS के लिए एक किला जैसा था, जहां अक्सर सीरियाई वायुसेना बमबारी तो करती थी, लेकिन बड़ी कामयाबी कभी नहीं मिली.