लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. सपा इसकी शुरुआत पश्चिमी यूपी की शामली सीट से करने जा रही है. शामली में सपा को आज तक जीत नहीं मिली है. ऐसे में सपा अध्यक्ष इस सीट के सियासी समीकरणों को साधने के लिए 21 और 22 जुलाई को शामली आ सकते हैं. इस दौरान वो पश्चिमी यूपी के सियासी दिग्गजों और यहां सामाजिक गणित का गुणा-भाग तय कर सकते हैं.
समाजवादी पार्टी अब यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पिच पर उतर कर ही भाजपा का मात देने की रणनीति बनाई है. जिसके तहत सपा का फोकस उन 108 सीटों पर है जहां पिछले तीन चुनावों से लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी भी अक्सर इसी रणनीति पर काम करती है. सूत्रों के मुताबिक सपा शामली से इसकी शुरुआत करने जा रही है. अखिलेश यादव ने यहां तीन थानाभवन, शामली सदर और कैराना विधानसभा सीटों का समीकरण साधना शुरू कर दिया है.
इन प्रत्याशियों पर दांव चल सकती है सपा
जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव शामली सीट पर वैश्य दांव खेल सकते हैं. इस सीट पर वैश्य और मुस्लिम समीकरण काफी मज़बूत हैं. पिछले दिनों वैश्य समाज के नेता राजेश्वर बंसल सपा अध्यक्ष से मुलाकात भी कर चुके हैं. माना जा रहा है कि वो उन्हीं की वजह से शामली आ रहे हैं. इस दौरान बंसल समेत उनके कई समर्थक सपा में शामिल हो सकते हैं. जिसके बाद सपा शामली सीट से वैश्य प्रत्याशी को उतार सकती है.
इसके अलावा सपा कैराना मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए मुस्लिम प्रत्याशी और थानाभवन सीट से किसी जाट या सैनी समाज के प्रत्याशी पर दांव लगाया जा सकता है. इस सीट पर जाट और सैनी समाज का समीकरण काफी मज़बूत है. सपा अब इस समाज से एक अच्छे प्रत्याशी की तलाश में जुटी है जिस पर दांव लगाया जा सके, सूत्रों के माने तो इस सीट के लिए कई दावेदार सपा के दिग्गजों से मुलाकात भी कर रहे हैं.
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन था. जिसमें थानाभवन सीट पर आरएलडी से अशरफ अली खान व सदर सीट पर आरएलडी से प्रसन्न चौधरी और कैराना सीट से सपा के नाहिद हसन चुनाव जीते थे. वहीं लोकसभा चुनाव में भी कैराना सीट से सपा की इकरा हसन, मुजफ्फरनगर सीट से सपा के हरेंद्र मलिक और सहारनपुर सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन के इमरान मसूद लोकसभा सांसद है. ये सियासी गणित भी इस सीट पर सपा को मज़बूत करता है.
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