सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेताओं ने कहा कि आधार के जरिए लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का दावा करते हैं, जो केवल भारतीय नागरिकों के लिए हैं। मगर आधार तो सिर्फ निवास प्रमाण है, न कि नागरिकता की पुष्टि करता है।
देश में अयोग्य लोगों के आधार कार्ड हासिल करने का मामला गरमाता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों ने इस मसले को जोरशोर से उठाया है। कहा जा रहा है कि घुसपैठिए भी आधार बनवा लेते हैं और फिर इसके जरिए वोटर आईडी जैसे ऑफिशियल डाक्यूमेंट्स भी हासिल कर ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने कहा कि इतना सब होने पर वे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का दावा करने लगते हैं जो कि केवल भारतीय नागरिकों को मिलना चाहिए।
लोक लेखा समिति (PAC) के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के कामकाज पर चर्चा की। पीएसी की मीडिंग में कुछ सदस्यों ने आधार कार्ड में सुधार के लिए सरल प्रक्रिया की मांग की, क्योंकि कुछ गलती होने पर लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से चूक जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अथॉरिटी से कहा कि जल्द से जल्द एक सर्कुलर जारी हो। इसके जरिए लोगों को आधार हासिल करने और उसकी सरल प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाए।
आवेदन नियमों को कड़ा करने की जरूरत
हालांकि, सत्ताधारी गठबंधन के कई सदस्यों ने कहा कि बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों (खासतौर से घुसपैठिए) ने आधार कार्ड बनवा लिया है। इसलिए आवेदन नियमों को कड़ा करने और उनकी समीक्षा करने की जरूरत है। एक सांसद ने दावा किया कि आधार कार्ड ‘पिछले दरवाजे’ से एंट्री का जरिया बन गया है। संदिग्ध नागरिकता वाले लोग इससे अपने लिए आधिकारिक कागजात बनवाने लगते हैं जिनमें वोटर आई और पासपोर्ट शामिल है।
आधार को केवल निवास प्रमाण माना जाए
सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक, बिहार और झारखंड में कथित घुसपैठियों का भी जिक्र हुआ। कुछ सांसदों का मानना था कि आधार को केवल निवास प्रमाण माना जाता है। यह भारतीय नागरिकता को प्रमाणित नहीं करता। इसलिए अधिकारियों को फिर से विचार करना चाहिए कि क्या केवल आधार होने पर कल्याणकारी योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की पहचान हो जाएगी। आखिरकार, केवल भारतीय नागरिक को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनवाने से जुड़े घोटाले अक्सर सामने आते रहते हैं।