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इजराइल ने छुआ तक नहीं फिर 5 दिन में कैसे मर गए ईरान के 2 बड़े कमांडर

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ईरान के कमांडर गुलाम हुसैन और अली ताएब.

ईरान-इजराइल में सीजफायर हैं, यहूदी देश की ओर से कोई हमला भी नहीं किया, फिर भी ईरान ने पिछले पांच दिन में अपने 2 कमांडर खो दिए. ईरान की सरकारी मीडिया ने एक वरिष्ठ इस्लामिक रिवोल्यूशरी गार्ड कोर कमांडर की मौत की घोषणा की है. उनकी मौत अली ताएब की मौत के पांच दिन बाद हुई है जो ईरान के प्रमुख सुरक्षा अधिकारी थे.

ईरान के मुताबिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के इमाम अली बेस के डिप्टी कमांडर गुलाम हुसैन घेबपरवर की मौत हुई है. इनकी मौत का कारण फिलहाल 1988 में ईरान और इराक के बीच हुए युद्ध में प्रयोग किए गए रासायनिक हथियार को बताया जा रहा है. दावा किया गया है कि उस समय लगी रासायनिक चोट ही अब उनकी मौत की वजह बनी. इससे पहले कभी भी उनकी इस स्थिति के बारे में खुलासा नहीं किया गया था. हालांकि जब पिछले माह उन्होंने उत्तरी ईरान के शहर काज्विन का दौरा किया था तो उन्होंने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था.

IRGC में कई अहम पदों पर रहे घेबपरवर

ईरान में शाहराम के नाम से प्रसिद्ध घेबपरवर ने IRGC में कई अहम पदों पर भूमिकाएं निभाई हैं. 2016 से 2019 तक उन्होंने मिलिशिया बसीज को लीड किया था.उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ अर्धसैनिक टकराव की देखरेख को संभाला था. उसी साल उन्हें इमाम अली बेस का उप प्रमुख नियुक्त किया गया था. यह बेस 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के शासनकाल में गठित बटालियनों की कमान संभालता है. इसके जवान अक्सर काले लिबास में हर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में दिखाई देते रहे हैं जो प्रदर्शनकारियों से मारपीट करने और उन्हें हिरासत में लेने के लेने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें सरल्लाह बेस का समर्थन प्राप्त है जो राजधानी तेहरान की सुरक्षा की देखरेख करता है. उसे पिछले महीने ही इजराइली हमलों में निशाना बनाया गया था.

पिछले सप्ताह हुई थी अली ताएब की मौत

ईरान के ही एक अन्य प्रमुख सुरक्षा अधिकारी अली ताएब की मौत गुलाम हुसैन घेबपरवर से पांच दिन पहले हुई थी. पिछले सप्ताह इसका ऐलान किया गया था. वह सर्वोच्च नेता खामेनेई के पूर्व प्रतिनिधि रहे थे. उनहे भाई हुसैन ताएब भी IRGC के खुफिया संगठन के चीफ रह चुके हैं. ताएब की मौत तेहरान की एक बहुमंजिला इमारत में हुए गैस विस्फोट के कुछ समय बाद हुई थी. हालांकि उनकी मौत नेचुरल बताई गई थी.

इजराइल ने मारे थे ईरान के कई अधिकारी

इजराइल ने 13 जून को ईरान पर हमलों की शुरुआत की थी. यह सैन्य अभियान तकरीबन 12 दिन तक चला था, जिसमें ईरान के सैन्य ठिकानों के साथ परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया था. इन हमलों के दौरान ही इजराइल ने ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी मारा था. इजराइल की एयर स्ट्राइक में कई सैन्यकर्मी और परमाणु वैज्ञानिकों तथा नागरिकों की मौत हुई थी, जवाब में ईरान ने भी हमला किया था, जिसमें 27 इजराइली नागरिकों की मौत हुई थी.

ईरान के साथ टकराव नहीं हुआ खत्म

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में ऐलान किया था कि ईरान के साथ इजराइल का सीजफायर है, लेकिन अगर ईरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम वापस नहीं लिया तो टकराव जारी रहेगा. उन्होंने ये भी कहा था कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने की जिद छोड़नी होगी, अगर ऐसा नहीं हुआ तो इजराइल फिर से हमला कर ईरान के नापाक मंसूबों को नाकाम कर देगा.

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