बीएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘आरोपी पति-पत्नी के पास से महत्वपूर्ण भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, वाहन की आरसी, भारतीय पासपोर्ट और मोबाइल फोन समेत अन्य कई संदिग्ध दस्तावेज और सामान बरामद हुए।’
बीते 25 सालों से एक बांग्लादेशी पति-पत्नी का जोड़ा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रह रहा था, इस दौरान उन्होंने यहां पर मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड और भारतीय पासपोर्ट जैसे अति महत्वपूर्ण भारतीय पहचान पत्र से जुड़े दस्तावेज भी बनवा लिए लेकिन किसी को कानोकान खबर नहीं हुई। मामले का खुलासा तब हुआ जब इन दोनों महिला-पुरुषों को अवैध तरीके से वापस बांग्लादेश लौटते समय बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़ लिया। दंपति ने हमेशा के लिए वापस बांग्लादेश लौटने की बेहद खास वजह बताई।
इस बारे में बताते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि यह दंपति रायपुर में बस चुका था, लेकिन इन दिनों वहां की पुलिस ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान के लिए एक अभियान छेड़ रखा है, जिससे डरकर वह बांग्लादेश में अपने घर लौटने की कोशिश कर रहा था।
मामले की जानकारी देते हुए बीएसएफ के उत्तर बंगाल फ्रंटियर के एक प्रवक्ता ने बताया, ’15 जुलाई, 2025 की दोपहर लगभग पौने दो बजे बीएसएफ जवानों ने 50 साल के बांग्लादेशी नागरिक जैनब को दक्षिण दिनाजपुर के चकगोपाल गांव के पास से उस वक्त पकड़ा, जब वह वहां पर स्थित बिना बाड़ वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करने की कोशिश कर रही थी।’ पूछताछ के दौरान जैनब ने खुलासा किया कि वह 1990 में अपने पति शेख इमरान के साथ अवैध तरीके से भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुई थी और छत्तीसगढ़ के रायपुर में रह रही थी।
इसके बाद आगे की पूछताछ के दौरान बीएसएफ के अधिकारियों ने उसके पति शेख इमरान की लोकेशन को भी हासिल करते हुए उसे भी पकड़ लिया। इमरान हिली चेक पोस्ट से बांग्लादेश में घुस चुका था, लेकिन पत्नी के पकड़े जाने के बाद बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए वापस लौट आया। बीएसएफ के अनुसार, रायपुर पुलिस द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ छेड़े गए सख्त अभियान के दौरान पहचान का खुलासा होने के डर से दोनों अपने मूल स्थान लौटने की कोशिश कर रहे थे।
बीएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘आरोपी पति-पत्नी के पास से महत्वपूर्ण भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, वाहन की आरसी, भारतीय पासपोर्ट और मोबाइल फोन समेत अन्य कई संदिग्ध दस्तावेज और सामान बरामद हुए।’ उन्होंने बताया कि दंपति की योजना वापस बांग्लादेश में अपने मूल स्थान पर लौटकर वहीं स्थायी रूप से रहने की थी’ पकड़े जाने के बाद बीएसएफ कर्मियों ने उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें ये दस्तावेज कैसे मिले।
दरअसल भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए इस तरह का अभियान छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में भी चल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो पुलिस ने इस अभियान के तहत पकड़े जा रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को रखने के लिए कई कॉलोनियों, होटलों और इमारतों को हिरासत केंद्रों में बदल दिया है।