कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना को आज मंजूरी दे दी गई है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 100 कम फसल प्रोडक्टिविटी वाले जिलों में शुरू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य खेती में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है और फसल डायवर्सिफिकेशन लाना है।
PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में आज बुधवार को तीन अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें से एक किसानों के हित में लिया गया फैसला है। कैबिनेट मीटिंग में ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ को आज मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,000 करोड़ रुपये के सालाना के खर्च के साथ पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी, इसमें 36 योजनाओं को शामिल किया जाएगा। बता दें कि बजट 2025 के दौरान इस योजना की घोषणा की गई थी।सरकार की इस योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों की फसल प्रोडक्टिविटी को मदद मिलेगी। यह योजना खेती को आधुनिक बनाएगी और किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी। इस योजना के तहत उन किसानों को फायदा होगा, जिनके राज्यों में फसल की पैदावार कम होती है।
1.7 करोड़ किसानों को होगा फायदा
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 100 कम फसल प्रोडक्टिविटी वाले जिलों में शुरू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य खेती में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है और फसल डायवर्सिफिकेशन लाना है। इसके अलावा, पंचायत और प्रखंड स्तर पर उपज भंडारण बढ़ाना, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना और लंबी अवधि और छोटी अवधि लोन की उपलब्धतता सुगम बनाना है। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी। इस योजना के लिए सालाना 24,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। छह साल तक चलने वाली इस योजना के दायरे में देश के 100 जिले शामिल किए जाएंगे।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश पर भी फैसला
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की मंजूरी के अलावा, कैबिनेट ने सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के लिए एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 20,000 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश को मंजूरी दे दी है। अब तक, एनटीपीसी ने एनजीईएल में 7,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो में वर्तमान में 6 गीगावाट की परिचालन क्षमता और 26 गीगावाट निर्माणाधीन क्षमता शामिल है। 2032 तक इसे 60 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है। वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि कैबिनेट ने एनटीपीसी और एनएलसी को ये धनराशि जुटाने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने अपने क्लीन एनर्जी सेक्टर का विस्तार करने के लिए 7,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। यह निवेश नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन (एनएलसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली शाखा, एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) को सहायता प्रदान करेगा। इस योजना के तहत, एनएलसी से 6,263 करोड़ रुपये मूल्य की रिन्यूएबल एनर्जी परिसंपत्तियां एनआईआरएल को हस्तांतरित की जाएंगी। चल रही क्लीन एनर्जी परियोजनाओं में अतिरिक्त 700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।