सेबी ने न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड जेन स्ट्रीट (जेएस) को कैश और फ्यूचर एंड ऑप्शन बाजारों में दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया। इसके बाद सेबी ने भारतीय बाजार से इस प्लेटफॉर्म को प्रतिबंधित कर दिया है।
अमेरिका की ट्रेडिंग कंपनी- जेन स्ट्रीट को धोखाधड़ी के मामले में सेबी ने बैन कर दिया है। सेबी के इस फैसले से शुक्रवार को भारतीय ब्रोकिंग कंपनियों के शेयर में हाहाकार मच गया। इस बीच, ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने एक आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर जेन स्ट्रीट जैसी प्रोपराइटरी ट्रेडिंग फर्म बाजार में अपनी भागीदारी कम करती हैं, तो रिटेल ट्र्रेडिंग गतिविधि प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम का शेयर बाजारों और ब्रोकरों, दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि ये फर्म ऑप्शन ट्रेडिंग में मात्रा के लिहाज से लगभग 50 प्रतिशत का योगदान देती हैं।
क्या कहा जेरोधा के फाउंडर ने
नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा- जेन स्ट्रीट जैसी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म का ऑप्शन कारोबार में मात्रा के लिहाज से लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा हैं। अगर वे पीछे हटती हैं, जो संभावित लगता है, तो खुदरा गतिविधि (करीब 35 प्रतिशत) भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए यह बाजारों और ब्रोकरों दोनों के लिए बुरी खबर हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिन बता देंगे। एफएंडओ कारोबार की मात्रा यह बता सकती हैं कि हम इन प्रॉप दिग्गजों पर कितने निर्भर हैं।
क्या है मामला
दरअसल, बाजार नियामक सेबी ने न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड जेन स्ट्रीट (जेएस) को कैश और फ्यूचर एंड ऑप्शन बाजारों में दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया। सेबी ने इस हेज फंड को बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया है और 4,843 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ जब्त कर लिया है। जांच में पाया गया है कि जनवरी 2023 से मई 2025 के दौरान जेएस ने 36,671 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। कामथ ने कहा कि अगर जेन स्ट्रीट के खिलाफ आरोप सही हैं, तो यह बाजार में खुलेआम हेरफेर है और शेयर बाजारों की चेतावनियों के बावजूद यह जारी रहा।