होम विदेश इधर जुबानी जंग हुई तेज, उधर ईरान के इस कदम से आगबबूला हैं ट्रंप

इधर जुबानी जंग हुई तेज, उधर ईरान के इस कदम से आगबबूला हैं ट्रंप

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डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई

इधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. ईरान के सुप्रीम लीडर डोनाल्ड ट्रंप की जीत से जुड़े हर दावे का खंडन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने साफ कर दिया है कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं करेगा. ट्रंप के दबाव से अलग ईरान संयुक्त राष्ट्र पहुंच चुका है. जहां उसने अमेरिका पर जानबूझकर युद्ध भड़काने के आरोप लगाए हैं और अपने नुकसान का हर्जाना मांगा है. ईरान के इस कदम से अमेरिकी राष्ट्रपति आगबबूला हैं.

ईरान-इजराइल युद्धविराम के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के बीच जुबानी जंग छिड़ी है, जो अरब को एक बार फिर युद्ध की आग में झोंक सकती है. डर है कि अमेरिका एक बार फिर ईरान पर हमला कर सकता है और ये हमले पहले से कहीं ज्यादा भीषण और बड़े होंगे.

बीते 1 हफ्ते से ट्रंप दावा कर रहे हैं कि ईरान के न्यूक्लियर ठिकाने तबाह हो चुके हैं, तो वहीं ईरान इसे ट्रंप का सफेद झूठ करार दे रहा है. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि ईरान अब परमाणु बम नहीं बना सकता, जबकि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखने पर अड़ा है. यही वजह है की डोनाल्ड ट्रंप बुरी तरह बौखलाए हुए हैं. वो कभी मीडिया इंटरव्यूज में, तो कभी सार्वजनिक मंच से ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता की बात दोहरा रहे हैं.

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने एक साक्षात्कार के दौरान फिर यही दावा किया. साथ ही कहा कि ईरान के पास 400 किलो यूरेनियम नहीं है. ट्रंप ने कहा कि वो खुद वहां से भाग गए. वो अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे. वो कुछ नहीं लेकर गए. उन्होंने नहीं सोचा था कि ये वास्तव में संभव होगा. हमने जो किया वो अद्भुत था. अभी उस (फोर्दो) कमरे में सिर्फ हजारों टन चट्टानें हैं. पूरी जगह नष्ट हो गई है.

ट्रंप ने ये 5 बड़ी बातें कहीं

  • बंकर बस्टर बम पहाड़ को मक्खन की तरह पार कर गया.
  • ईरान हमले से पहले 400 Kg यूरेनियम नहीं निकाल सका है.
  • ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट हो चुका है.
  • वो फिलहाल परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में नहीं हैं.
  • किसी भी परमाणु विकास का जवाब हमलों से दिया जाएगा.

खामेनेई ने अपनी पोस्ट में क्या किया दावा?

एक तरफ ट्रंप ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने की बात कह रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ खामेनेई ने अपनी पोस्ट में ट्रंप को झूठा करार देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चीजें बढ़ा चढ़ाकर बता रहे हैं. हकीकत में वो जमीन के नीचे कुछ नहीं कर पाए. सच्चाई को छिपाने के लिए अब झूठ बोल रहे हैं.

खामेनेई के बयान से साफ है कि ट्रंप का GBU 57 बम से हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ खास नुकसान नहीं पहुंचा सका, ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिका में ही सवाल उठने लगे हैं, जिससे ट्रंप की बौखलाहट बढ़ी हुई है, जो अरब में अनिष्ट का संकेत दे रही है. माना जा रहा है कि ईरान आने वाले हफ्तो में एक बार फिर परमाणु संवर्धन शुरू कर सकता है. अगर ऐसा होता है कि खामेनेई का दावा सच साबित हो जाएगा.

यही वजह है कि अमेरिका की तरफ से लगातार बातचीत की कोशिश हो रही है, लेकिन ईरान फिलहाल किसी समझौते के लिए तैयार नहीं है. दरअसल, अमेरिका की तरफ से लगातार ईरान पर दबाव बनाया जा रहा है. ईरान का आरोप है कि धमकी और डर के बल ट्रंप समझौता चाहते हैं, लेकिन ईरान ने साफ कर दिया है. जबतक अमेरिका दबाव की नीति नहीं छोड़ता तबतक कोई समझौते नहीं हो सकता. साथ ही ईरान यूरेनियम संवर्धन भी जारी रखने वाला है.

ईरान परमाणु कार्यक्रम पर अड़ा है

संयुक्त राष्ट्र में ईरान में राजदूत आमिर सईद इरावानी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि बिना शर्त आत्मसमर्पण को बातचीत नहीं माना जा सकता. अगर वो ईरान पर शर्तें थोपना जारी रखते हैं तो बातचीत नहीं हो सकती. वो हमपर हुक्म चलाना चाहते हैं तो उनके साथ बातचीत असंभव है. हम किसी तरह का यूरेनिमय संवर्धन बंद नहीं करने वाले हैं.

इधर, ईरान परमाणु कार्यक्रम पर अड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ उसने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के खिलाफ मुहीम छेड़ दी है. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर इजराइल और अमेरिका को युद्ध के लिए दोषी ठहराने और अपने नुकसान की भरपाई करने की मांग की है. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को भेजे पत्र में लिखा है कि हम संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध करते हैं कि वो इजराइल और अमेरिका को युद्ध शुरू करने का दोषी ठहराए. साथ ही हमें युद्ध में हुए नुकसान का मुआवजा दे.

ईरान ने क्या किया दावा?

ईरान एक तरफ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका को घेरने की कोशिश में है, तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी एयरबेस पर पलटवार और हमले की बातों को कुरेद रहा है. ईरान ने फिर एक बार दावा किया है कि उसकी 400 किलो वॉरहेड वाली 6 मिसाइलों ने अमेरिकी एयरबेस पर भीषण तबाही मचाई है. ईरान का जवाब अटल था. ट्रंप झूठ बोल रहे हैं. ईरान ने 14 मिसाइलें दागीं. इसमें से 6 मिसाइलें सीधी बेस से टकरा गई. ये सच है. हर मिसाइल में 400 Kg बारूद लोड था. उन्होंने नुकसान को दुनिया से छिपाया क्योंकि ये शर्मनाक था.

साफ है, चाहें ईरान की परमाणु साइट तबाह करना हो, परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत या फिर IRGC की अमेरिकी एयरबेस पर स्ट्राइक. ईरान हर मोर्चे पर डोनाल्ड ट्रंप को झूठा बता रहा है, जिसकी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति आगबबूला हैं. ऐसे में अगर ईरान ने एक बार फिर अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू किया, तो ट्रंप को मजबूरन ईरान पर हमला पड़ेगा, जो अरब को एक बार फिर जंग में झोंक देगा.

ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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