पीएम मोदी और शहबाज शरीफ
भारत अपनी कूटनीति से पाकिस्तान को एक और झटका दे सकता है. हाल ही में भारत ने अपना संसदीय प्रतिमंडल को अलग-अलग देश भेजकर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया था. अब दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के सबसे बड़े संगठन ब्रिक्स में पाकिस्तान की थू-थू हो सकती हैं.
रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की जा सकती है. इस निंदा को चीन भी नहीं रोक सकता है, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने कहा है आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देश सहमत हैं.
इस सम्मेलन में भारत आतंकवाद का एकजुट होकर सामना करने के लिए दृढ़ दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करेगा. भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचो से कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पालने वाला देश है और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है.
पीएम मोदी जाएंगे ब्राजील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 और 7 जुलाई को ब्राजील के शहर में शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसके बाद अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत करेगा. प्रधानमंत्री 2 से 9 जुलाई तक अपने पांच देशों के दौरे के तहत ब्राजील की यात्रा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री जिन अन्य देशों की यात्रा कर रहे हैं, उनमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना और नामीबिया शामिल हैं.
भारत के साथ एकजुटता दिखाएंगे लोग
विदेश मंत्रालय के दम्मू रवि ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि शिखर सम्मेलन में मोदी की भागीदारी ब्लॉक के साथ भारत की एकजुटता की अभिव्यक्ति होगी और यह उनके लिए वैश्विक दक्षिण के नेताओं से जुड़ने का एक बड़ा अवसर होगा.
रवि ने सुझाव दिया कि ब्रिक्स नेताओं के घोषणापत्र में आतंकवाद की चुनौती का संदर्भ होगा जो भारत के लिए काफी संतोषजनक होगा. उन्होंने कहा, “पहलगाम पर भारत के साथ अपनी समझ, सहानुभूति और एकजुटता के साथ सदस्यों ने जो कुछ भी किया है, उसमें कोई विरोधाभास नहीं है. मुझे लगता है कि घोषणापत्र में इसे बहुत अच्छी तरह से दर्शाया गया है और सभी सदस्य इस मामले के प्रति बहुत संवेदनशील हैं.