वॉरेन बफेट हर साल दान करते हैं लेकिन इस बार 51,300 करोड़ की राशि अब तक का सबसे बड़ा सालाना दान है.
विश्व के सबसे बड़े निवेशक और पांचवें सबसे अमीर कारोबारी वॉरेन बफेट अमेरिका में नेब्रास्का के ओमाहा में स्थित अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के छह अरब डॉलर (लगभग 51300 करोड़ रुपए) के शेयर दान करने की घोषणा की है. ये शेयर वह गेट्स फाउंडेशन और अपने परिवार की चैरिटीज को दान करेंगे. वह हर साल यह दान करते हैं और इस बार की राशि अब तक का सबसे बड़ा सालाना दान है. आइए जान लेते हैं कि वॉरेन बफेट कैसे अरबपति बने?
वॉरेन बफेट ने तय किया है कि वह अपनी कंपनी का कोई भी शेयर बेचेंगे नहीं. इसलिए वह अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा हर साल दान करते हैं. इस बार उन्होंने अपनी कंपनी के 94.3 लाख शेयर गेट्स फाउंडेशन को दान करने की घोषणा की है. इसके अलावा सुसान थॉम्पसन बफेट फाउंडेशन को 43,384 शेयर दान करेंगे. साथ ही अपने तीनों बच्चों के फाउंडेशन को 19,81,098 शेयर देंगे. इनमें बेटे हावर्ड के हावर्ड जी फाउंडेशन को 660,366 शेयर, सूसी के शेयरवुड फाउंडेशन को 660,366 शेयर और पीटर के नोवो (NoVo) फाउंडेशन को 660,366 शेयर मिलेंगे.
लगभग सारी संपत्ति दान करने की वसीयत
बफेट अपनी वसीयत में भी इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि उनके निधन के बाद उनकी 99.5 फीसदी संपत्ति एक चैरिटेबल ट्रस्ट को मिलेगी, जिसकी देखरेख उनके बच्चे करेंगे. बफेट के तीन बच्चे हैं. इनमें सूसी बफेट 72 साल की हैं. हावर्ड बफेट 70 साल और पीटर 67 साल के हैं. इनको बफेट के मरने के बाद उनकी वसीयत के अनुसार 99.5 फीसदी संपत्ति 10 सालों में बांटनी होगी. साथ ही मिल कर यह तय करना होगा कि सारा धन कैसे और कहां खर्च होगा.
वॉरेन बफेट साल 2006 से लगातार हर साल दान कर रहे हैं. इस बार के दान को मिलाकर अब तक वह कुल 60 अरब डॉलर यानी करीब 5.13 लाख करोड़ रुपए दान कर चुके हैं. बफेट के पास अब भी बर्कशायर हैथवे के 13.8 फीसदी शेयर हैं.

वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे शांत निवेशकों में गिने जाते हैं और शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ी हैं. फोटो: J. Countess/Getty Images
शेयर खरीद कर कंपनी का नियंत्रण हासिल किया
यह 1839 की बात है ओलिवर चेस ने व्हैली फॉल्स नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी. बाद में यही कंपनी बर्कशायर हैथवे बनी. साल 1888 में हैथवे मैन्युफैक्चरिंग कंपनी 1889 में बर्कशायर कॉटन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की स्थापना भी हुई. साल 1955 में इन कंपनियों का विलय कर बर्कशायर हैथवे बनाई गई. इन कंपनियों का शुरुआती बिजनेस टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग था, जो साल 1985 में पूरी तरह से बंद हो गया.
हालांकि, इससे पहले साल 1962 में वॉरेन बफेट ने 7.50 डॉलर प्रति शेयर की दर से इस कंपनी के शेयर खरीदने शुरू किए और साल 1965 में कंपनी पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया. आज वॉरेन बफेट इस कंपनी के चेयरमैन और सीईओ हैं.
कम मूल्य वाली मजबूत कंपनियों में निवेश
अब इस कंपनी का बिजनेस मॉडल वैल्यू इन्वेस्टिंग पर आधारित है. कम मूल्य वाली लेकिन मजबूत कंपनियों में इसके जरिए निवेश किया जाता है. इसकी प्रमुख सहयोगी इकाइयां हैं बीमा क्षेत्र की गीको, नेशनल इंडेम्निटी, जनरल रीइंश्योरेंस, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की डेयरी क्वीन, फ्रूट ऑफ द लूम, ड्यूरासेल, पैंपर्ड शेफ परिवहन और बीएनएसई रेलवे. एप्पल और कोका कोला समेत दुनिया की 40 से ज्यादा कंपनियों में अब वर्कशायर हैथवे ने निवेश कर रखा है. देखते ही देखते वॉरेन के खरीदे शेयरों का मूल्य बढ़ता गया और वह दुनिया के सबसे अमीरों में शामिल हो गए. आज वह दुनिया के पांचवें सबसे अमीर इंसान हैं.

फोटो: Ankit Agrawal/Mint via Getty Images
वर्कशायर हैथवे के पास एप्पल के भी शेयर
बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे के पास एप्पल जैसी कंपनी के भी शेयर हैं. करीब एक साल पहले एप्पल में वर्कशायर हैथवे ने अपनी लगभग 50 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी थी. इसके बाद वॉरेन बफेट के पास नगदी का भंडारण बढ़कर रिकॉर्ड 276.9 बिलियन डॉलर (करीब 23.20 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया था. एक अनुमान है कि साल 2024 की दूसरी तिमाही में एप्पल में बर्कशायर हैथवे का निवेश 84.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 7.05 लाख करोड़ रुपये बचा था.
बाजार ही नहीं, जज्बातों पर भी नियंत्रण
वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे शांत निवेशकों में गिने जाते हैं. लोग मानते हैं कि वह केवल शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ी हैं और उनकी सफलता का कारण केवल बाजार की समझ है. असल में ऐसा है तो पर उनकी असली खासियत कुछ और भी है. वह जज्बातों को नियंत्रित करना जानते हैं. शेयर बाजार चाहे कितना भी गिर रहा हो और लोग घबराकर धन निकाल रहे हों, बफेट शांत ही रहते हैं. वह काफी सोच-समझकर अपना कदम उठाते हैं. धीरे-धीरे लेकिन पक्के कदम रखने वाले वॉरेन बफेट ने बिना किसी शोर-शराबे के 160 अरब डॉलर से भी ज्यादा की संपत्ति बना ली. इसमें वह किसी तरह का दिखावा भी नहीं करते.
वॉरेन बफेट की सलाह
बफेट की यही सलाह रहती है कि बाजार में जब सब घबराएं, तो आप शांत रहें. किसी फैसले से पहले थोड़ा रुकें. जल्दबाजी कतई न करें, धैर्य बेहद जरूरी है. आप जो जानते हैं, उसी में निवेश करना बेहतर होगा. गलतियों से डरने के बजाय उनसे सीख लें और ईमानदारी हर हाल में बनाए रखें. अपनी सोच विकसित करें न की भीड़ के पीछे भागें. आप चाहे जितना कमाएं पर खर्च कम से कम करें. और सबसे अहम यह कि धन की सुरक्षा बेहद जरूरी होती है.
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