पटना. बिहार की राजनीति में चिराग पासवान के एक बयान फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है! “मैं बिहार से नहीं, बिहार के लिए चुनाव लडूंगा”… लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राजगीर में आयोजित ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ रैली में चिराग पासवान की यह घोषणा सुनते ही सियासी गलियारों में हलचल मच गई. चिराग का यह बयान सिर्फ एक वाक्य भर नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की दिशा तय करने वाला मास्टरस्ट्रोक हो सकता है. ऐसे में सवाल यह कि क्या चिराग ने नीतीश कुमार की नींद उड़ा दी है, या फिर NDA की एकजुटता का नया चेहरा बन रहे हैं? क्या यह सस्पेंस बिहार की सियासत को नया मोड़ देगा?
सियासी सस्पेंस की सियासत
CM नीतीश की टेंशन समझिये
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
चिराग का सियासी शंखनाद
लेकिन, सवाल यह कि क्या नीतीश की टेंशन वाकई खत्म हो गई है? चिराग बार-बार नीतीश के नेतृत्व का समर्थन करते हैं और BJP भी नीतीश को CM चेहरा बनाए रखने की बात करती है. फिर भी अमित शाह का बयान कि ‘CM का फैसला समय पर होगा’ और चिराग के समर्थकों की सक्रियता NDA के भीतर टकराव की आशंका को जन्म देती है. अगर चिराग 70 सीटों की मांग करते हैं, जैसा कि उनकी पार्टी का दावा है, तो BJP और JDU के लिए सीट-बंटवारा आसान नहीं होगा. तेजस्वी यादव ने भी चिराग के बयान पर तंज कसते हुए कहा, ‘सांसदी छोड़कर लड़ें, कोई दिक्कत नहीं.’ यह दिखाता है कि विपक्ष भी चिराग पासवान को NDA में फूट के मौके के रूप में देख रहा है.
चिराग पासवान का मास्टरस्ट्रोक
सियासी सस्पेंस का नया मोड़?
राजनीति के जानकारों की नजर में कुल मिलाकर चिराग पासवान का बयान बिहार की सियासत में एक नया रंग भर रहा है. यह नीतीश के लिए खतरे की घंटी है, लेकिन साथ ही NDA को एक युवा और ऊर्जावान चेहरा दे रहा है. सियासत का सस्पेंस अभी बरकरार है और यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग का यह दांव बिहार की राजनीति को कहां ले जाता है. क्या नीतीश कुमार फिर से चिराग पासवान के सियासी जाल में फंसेंगे या BJP चिराग पासवान को नया ‘हनुमान’ बनाकर नीतीश को किनारे कर देगी? जवाब 2025 के चुनाव में ही मिलेगा!