होम देश Lord Jagannath and his siblings arrive at aunt house at Sri Gundicha Temple भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन श्री गुंडिचा मंदिर में मौसी के घर पहुंचे, हफ्ते भर यहीं रहेंगे, India News in Hindi

Lord Jagannath and his siblings arrive at aunt house at Sri Gundicha Temple भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन श्री गुंडिचा मंदिर में मौसी के घर पहुंचे, हफ्ते भर यहीं रहेंगे, India News in Hindi

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अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं की एक झलक पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर एकत्र हो गए थे, क्योंकि अनुष्ठान के तहत भगवान के चेहरों पर से पाहुड़ा हटाया जाना था। भगदड़ में मृतकों के शव परिजनों को सौंप दिए गए।

Niteesh Kumar भाषाSun, 29 June 2025 10:53 PM

पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ के कुछ घंटों बाद रविवार को भक्त भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पवित्र ‘पहंडी बिजे’ देखने के लिए श्रद्धा के साथ एकत्र हुए। भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ‘अडापा मंडप बिजे’ के नाम से मशहूर इस अनुष्ठान का बहुत महत्व है। इस अनुष्ठान के दौरान भगवान जगन्नाथ को उनके भाई-बहन के साथ श्री गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी के मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर है और यह भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की मौसी का घर है।

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रथ यात्रा के दौरान देवता अपनी मौसी के घर जाते हैं। वहां सात दिन तक रहते हैं और फिर अपने मुख्य निवास जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार गुंडिचा मंदिर वह स्थान है जहां भगवान विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई, बहन की लकड़ी की मूर्तियों का निर्माण किया था। एक प्रकार से गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ का जन्मस्थान भी माना जाता है। जब तीनों देवताओं को रथों से उतारकर गुंडिचा मंदिर के गर्भगृह की ओर ले जाया जा रहा था तो वातावरण ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरिबोल’ के जयघोष से गूंज उठा।

मौसी के घर में सबसे आखिर में प्रवेश

भगवान बलभद्र को सबसे पहले मंदिर में ले जाया गया, उसके बाद देवी सुभद्रा को। भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर में सबसे आखिर में प्रवेश करते हैं। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ की घटना तड़के लगभग चार बजकर 20 मिनट पर हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के निकट एकत्र हुए थे। उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां छह लोगों की हालत गंभीर बताई गई है। श्री गुंडिचा मंदिर को देवताओं की मौसी का घर माना जाता है। यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं। पुलिस के अनुसार, अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र व देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरातफरी मच गई।

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