पटना. बिहार की सियासत में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के एक बयान से हलचल मच गई है. तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ’ सम्मेलन में गरजते हुए कहा, ‘ये देश किसी के बाप का नहीं है!’ तेजस्वी यादव के इस बयान पर एनडीए नेताओं ने भी करारा जवाब देते हुए ‘संस्कारहीन’ तक बोल दिया. तेजस्वी ने इस सभा में बीजेपी पर मुस्लिम समुदाय के अधिकार छीनने की साजिश करार दिया. गांधी मैदान में इमारत-ए-शरिया द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में तेजस्वी ने वक्फ संशोधन बिल को संविधान के खिलाफ और धार्मिक ध्रुवीकरण की साजिश बताया. उनका ‘ये देश किसी के बाप का नहीं’ बयान बीजेपी पर तीखा प्रहार था.
बिहार चुनाव में वक्फ बिल का सियासी खेल
तेजस्वी ने चुनाव आयोग के नए नोटिफिकेशन का जिक्र करते हुए दावा किया कि 8 लाख वोटरों की सूची दोबारा बनाना वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश है. उन्होंने इसे बीजेपी की “बांटने वाली राजनीति” का हिस्सा बताया और मुस्लिम, दलित, और पिछड़े वर्गों को एकजुट करने की अपील की.
वक्फ पर महासंग्राम की आहट?
तेजस्वी ने जेडीयू के संरक्षक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसा, उन्हें ‘बेहोश’ बताते हुए वक्फ बिल पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘नीतीश चुप क्यों हैं? कौन उन्हें चुप करा रहा है?’ यह नीतीश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर हमला है, जो मुस्लिम वोटों के लिए अहम है. तेजस्वी ने जेडीयू के बिल समर्थन को उजागर कर महागठबंधन को धर्मनिरपेक्ष विकल्प के रूप में पेश किया.
नया युद्धक्षेत्र बन सकता तेजस्वी का यह बयान?
वक्फ बिल बिहार की सियासत में नया युद्धक्षेत्र बन सकता है. बीजेपी और जेडीयू का दावा है कि यह बिल पारदर्शिता और पसमंदा मुस्लिमों के हित में है. लेकिन विपक्ष इसे संवैधानिक अधिकारों पर हमला बता रहा है. सुप्रीम कोर्ट में बिल की वैधता पर सुनवाई चल रही है, और इसका फैसला बिहार के सियासी माहौल को और गर्मा सकता है. सोशल मीडिया पर तेजस्वी के बयान को “नफरती ताकतों” के खिलाफ चुनौती के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जिससे मुस्लिम और अन्य वंचित समुदायों में उनकी अपील बढ़ रही है.