होम राजनीति Bihar Chunav 20025: ‘फर्जी वोटरों की पहचान होगी और बिहार से घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा’, नीतीश के मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान

Bihar Chunav 20025: ‘फर्जी वोटरों की पहचान होगी और बिहार से घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा’, नीतीश के मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान

द्वारा

Last Updated:

Bihar Chunav 20025: वोटर लिस्ट सुधार अभियान को लेकर बिहार में सियासी हलचल है. एक ओर जहां विपक्ष हमलावर है वहीं सरकार चुनाव आयोग के साथ खड़ी है. अब इसी कड़ी में नीतीश सरकार के मंत्री प्रेम कुमार ने दावा किया है …और पढ़ें

बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने फर्जी वोटरों पर बड़ा बयान दिया है.

हाइलाइट्स

  • सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, फर्जी वोटरों की पहचान कर बिहार से घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा.
  • विपक्ष की ओर से विरोध, तेजस्वी और ओवैसी ने वोटर लिस्ट सुधार को गरीबों-अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश कहा.
  • निर्वाचन आयोग की कार्रवाई, डोर-टू-डोर सत्यापन शुरू, 2003 की वोटर लिस्ट आधार और पारदर्शिता पर जोर.

पटना. बिहार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट सुधार अभियान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि फर्जी वोटरों की पहचान की जाएगी और बिहार से घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा. यह अभियान निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए है. आईआईटी पटना के एक कार्यक्रम में प्रेम कुमार ने जोर देकर कहा कि निर्वाचन आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान उन लोगों को टारगेट करेगा जो अवैध रूप से वोटर लिस्ट में शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि खासकर ‘गैर-कानूनी प्रवासियों’ को ध्यान में रखकर यह अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि यह कदम बिहार के नागरिकों के मताधिकार की रक्षा करेगा और लोकतंत्र को मजबूत करेगा.

प्रेम कुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष, RJD नेता तेजस्वी यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस अभियान को लेकर सवाल उठा रहे हैं. तेजस्वी ने इसे ‘गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश’ करार दिया है. तेजस्वी यादव ने दावा करते हुए कहा है कि कि दस्तावेजों की कमी के कारण दलित, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के वोटरों को लिस्ट से हटाया जा सकता है. असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है, क्योंकि कई गरीबों के पास जन्म प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज नहीं हैं.

नाम हटाने और जोड़ने का यह होगा आधार

दूसरी ओर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि डोर-टू-डोर सत्यापन से केवल पात्र मतदाताओं की सूची सुनिश्चित होगी. वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट को आधार मानकर नाम हटाए या जोड़े जाएंगे. लेकिन, विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया NDA को फायदा पहुंचाने की कोशिश है, क्योंकि हाल के जनमत सर्वेक्षणों में NDA का प्रदर्शन कमजोर बताया जा रहा है.

विधानसभा चुनाव में निर्णायक हो सकता मुद्दा

बहरहाल, प्रेम कुमार के बयान ने बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है. एक तरफ NDA इसे पारदर्शिता का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे वोटर दमन की रणनीति करार दे रहा है. यह मुद्दा विधानसभा चुनाव में निर्णायक हो सकता है. लेकिन, इसके पहले इसको लेकर जो राजनीति गर्म हो गई है उस पर काबू पाना एनडीए सरकार के लिए चुनौती है.

authorimg

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट…और पढ़ें

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट… और पढ़ें

homebihar

‘फर्जी वोटरों की पहचान कर बिहार से घुसपैठियों को निकाला जाएगा’, मंत्री का ऐलान

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

एक टिप्पणी छोड़ें

संस्कृति, राजनीति और गाँवो की

सच्ची आवाज़

© कॉपीराइट 2025 – सभी अधिकार सुरक्षित। डिजाइन और मगध संदेश द्वारा विकसित किया गया